अमेरिकी अदालत से ट्रंप को राहत, टैरिफ विवाद में मिली कानूनी जीत

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आयात शुल्क वसूलने की अनुमति अब संघीय अपीलीय अदालत से मिल गई है। इससे पहले एक अमेरिकी अदालत ने ट्रंप सरकार के टैरिफ लगाने के फैसले पर रोक लगा दी थी। अदालत ने 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) के तहत टैरिफ लागू करने के ट्रंप प्रशासन के अधिकार को अस्वीकार किया था।

हालांकि, अपीलीय अदालत के हालिया फैसले से ट्रंप प्रशासन को बड़ी राहत मिली है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की, जिसे उन्होंने “अच्छी चर्चा” बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अभी भी वैश्विक व्यापार वार्ताओं के लिए तैयार है और न्यायिक लड़ाई को अंत तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

ट्रंप प्रशासन की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की पहल उनके व्यापार प्रस्तावों की वजह से संभव हुई। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दोनों देशों को युद्ध टालने के लिए व्यापार की पेशकश की थी।

हालाँकि, भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि 7 मई को ऑपरेशन ‘सिंदूर’ शुरू होने से लेकर 10 मई तक जब संघर्षविराम की सहमति बनी, तब भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच बातचीत जरूर हुई लेकिन उसमें व्यापार या टैरिफ से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं उठा।

भारत के इस बयान से स्पष्ट है कि ट्रंप प्रशासन के कूटनीतिक और व्यापारिक दावों को भारत मान्यता नहीं देता। वहीं, टैरिफ से जुड़ी कानूनी लड़ाई अमेरिका के आंतरिक नीति और वैश्विक व्यापार संबंधों पर असर डाल सकती है।