सीएए पर विवाद में नहीं पड़े ट्रंप, कहा मोदी चाहते हैं अपनी जनता की धार्मिक आजादी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि मोदी लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता चाहते हैं। उन्होंने सीएए पर विवाद में पड़ने से इनकार किया और कहा कि भारत को आधुनिक अमेरिकी सैन्य हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए 3 अरब डॉलर के रक्षा सौदे को अंतिम रूप दिया गया है। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश फिर दोहराई और कहा कि कश्मीर ‘बड़ी समस्या’ है। उन्होंने कहा कि हर कहानी के दो पहलू होते हैं। उनके ये बयान 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते की योजना से पहले आये हैं जिसके लिए पाकिस्तान को आमंत्रित किया गया है। ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर मध्यस्थता के लिए मैं कुछ कर सकता हूं तो करुंगा।

’’ उन्होंने कहा कि मोदी के साथ उनकी बातचीत में पाकिस्तान का विषय भी आया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,  ‘‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मेरे अच्छी समीकरण हैं। वे सीमापार आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए काम कर रहे हैं।’’ इससे पहले भारत ने सीमापार से उपज रहे आतंकवाद को लेकर चिंता जताई थी। ट्रंप ने कहा कि मोदी बहुत धार्मिक और शांत स्वभाव के हैं, लेकिन वह बहुत मजबूत व्यक्ति भी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बार मोदी की प्रशंसा की और कहा कि वह शानदार नेता हैं और अच्छे व्यक्ति हैं जो उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति भवन में मंगलवार सुबह ट्रंप के स्वागत के बाद हैदराबाद हाउस में मोदी और उनकी बातचीत में दोनों नेताओं ने कहा कि एक बड़े व्यापार सौदे के लिए दोनों के बीच बातचीत में काफी प्रगति हुई है और यह दोनों ही देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

उधर आईटीसी मौर्या होटल में ट्रंप के संवाददाता सम्मेलन को लेकर मीडिया में काफी उत्सुकता थी। इसी होटल में ट्रंप ठहरे थे। लोग अटकल लगा रहे थे कि ट्रंप दिल्ली में जारी हिंसा की पृष्ठभूमि में विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जैसे मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में 45 मिनट तक पत्रकारों से वार्ता की शुरूआत में कहा, ‘‘ मैं कतई किसी विवाद में नहीं पड़ने वाला हूं… एक जवाब पर .. एक छोटा सा जवाब देकर मैं अपने दो दिन के दौरे और दो दिनों की यात्रा पर एक जवाब से पानी नहीं फेरूंगा। तो आप बुरा ना मानें, इसी वजह से मैं जवाब देने में थोड़ा कंजूसी बरतूंगा।’’

एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि सीएए से जुड़े मुद्दों को भारत को देखना है और प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि लोगों को धार्मिक आजादी मिले। उन्होंने कहा, ‘‘हमने धार्मिक स्वतंत्रता पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि भारत में लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता मिले। अगर आप अतीत में देखें तो भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए बहुत काम किया है।’’ सीएए पर ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं सीएए पर कुछ नहीं कहना चाहता। यह भारत को देखना है। मुझे उम्मीद है कि भारत अपनी जनता के लिए सही फैसला करेगा।’’ क्या अमेरिकी राष्ट्रपति ने उनकी यात्रा के दौरान राजधानी में हो रही हिंसा पर बात की, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अलग-अलग हमलों पर बात नहीं हुई तथा यह भारत को देखना है।

उन्होंने तालिबान के साथ होने वाले अपने देश के शांति समझौते के बारे में भी मोदी से बात की तथा कहा कि भारत इसे होते देखना चाहेगा। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी-ट्रंप की वार्ता में नये नागरिकता कानून पर बात नहीं हुई। दोनों नेताओं ने सकारात्मक तरीके से धार्मिक सौहार्द के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच समग्र वार्ता के दौरान मंगलवार को नये संशोधित नागरिकता कानून का मुद्दा नहीं उठा। हालांकि, दोनों नेताओं ने धार्मिक सौहार्द के मुद्दे पर ‘सकारात्मक रूप’ में बातचीत की।’’ विदेश सचिव श्रृंगला ने समग्र वार्ता के बारे में बताया कि भारत और अमेरिका ने पांच मुख्य क्षेत्रों –

सुरक्षा, रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, दोनों देशों की जनता के स्तर पर संपर्क को लेकर व्यापक वार्ता की और राष्ट्रपति ट्रंप ने रक्षा क्षेत्र में भारत को उच्च प्राथमिकता देने का अश्वासन दिया । विदेश सचिव ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी और ट्रंप ने कारोबार क्षेत्र में ‘बड़े समझौते’ की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय किया । उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय कारोबार पर जारी वार्ता को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने का निर्णय किया और इसे कानूनी ढांचा प्रदान करने पर सहमति जतायी । उन्होंने कहा कि इसके तथ्यों को जल्द कानूनी रूप दिया जायेगा । श्रृंगला ने कहा, ‘‘ दोनों नेताओं ने कारोबार क्षेत्र में बड़े समझौते की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय किया।’’ एक सवाल के जवाब में श्रृंगला ने कहा, ‘‘ दोनों नेताओं के बीच धार्मिक सौहार्द पर चर्चा सकारात्मक रूप में हुई ।’’

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को लेकर चर्चा क्षेत्र के सकारात्मक घटनाक्रमों पर केंद्रित रही। जम्मू कश्मीर पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा के संबंध में उन्होंने कहा,‘‘ चीजें सही दिशा में बढ़ रही हैं।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में श्रृंगला ने कहा कि चर्चा के दौरान पाकिस्तान का मुद्दा सामने आया और भारत ने सीमापार आतंकवाद पर अपनी चिंताओं को रखा । श्रृंगला ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों देशों ने मादक पदार्थो की तस्करी और होमलैंड से जुड़े मुद्दे पर कार्य समूह बनाने का फैसला किया । उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा क्षेत्र में खरीद, प्रौद्योगिकी और संयुक्त गठजोड़ में भारत को उच्च स्थान देने का आश्वासन दिया है।’’

श्रृंगला ने बताया कि इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच कुल मिलाकर पांच घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई जिसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य और खास कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपर्क का विषय भी सामने आया। विदेश सचिव ने बताया कि भारतीय पक्ष ने आईटी क्षेत्र में भारतीय पेशेवरों के योगदान को रेखांकित करते हुए एच1बी वीजा का मुद्दा उठाया । उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की बातचीत में ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग महत्वपूर्ण विषय के रूप में उभर कर सामने आया।

उन्होंने कहा कि इस बात को सराहा गया कि पिछले कुछ सालों में वर्ष दर वर्ष कारोबार में वृद्धि हुई है। अमेरिका से भारत को निर्यात बढ़ा है और कारोबार असंतुलन पिछले वर्षो में 30 अरब डालर से 25 अरब डालर हुआ है । ट्रंप के उल्लेखित सौदे में भारत द्वारा अमेरिका से 24 एमएच..60 रोमियो हेलीकाप्टर की 2.6 अरब अमेरिकी डालर की लागत से खरीद शामिल है। एक अन्य सौदा छह एएच..64 ई अपाचे हेलीकाप्टर को लेकर है जो 80 करोड़ डालर का होगा। ट्रंप ने राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में दिये गए रात्रिभोज में भी हिस्सा लिया।