
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चौंका दिया है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने दावा किया कि पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश अंतरराष्ट्रीय संधियों की परवाह किए बिना भूमिगत या सीमित दायरे में परमाणु परीक्षण कर रहे हैं।
ट्रंप ने कहा, हम यह मानते हैं कि वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों की निगरानी की जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ देश इसे गुप्त रूप से जारी रखे हुए हैं। हालांकि ट्रंप ने अन्य देशों के नाम नहीं बताए, लेकिन उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
पाकिस्तान का पलटवार –आरोप पूरी तरह निराधार
इस्लामाबाद ने ट्रंप के आरोपों को बेबुनियाद और भ्रामक बताया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि देश हमेशा परमाणु अप्रसार संधि के सिद्धांतों का सम्मान करता आया है और उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ आत्मरक्षा और शांति के उद्देश्यों पर आधारित है।
तनाव बढ़ने की आशंका
राजनयिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के इस दावे से अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नई खटास आ सकती है। इसके साथ ही यह मुद्दा जल्द ही अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के एजेंडे में शामिल हो सकता है।
ट्रंप पहले भी चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों पर परमाणु गतिविधियों को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं, जिससे कूटनीतिक हलकों में असहजता पैदा हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ट्रंप के दावे में जरा भी सच्चाई है, तो यह वैश्विक सुरक्षा तंत्र के लिए गंभीर चेतावनी होगी। वहीं कुछ विश्लेषक इसे राजनीतिक बयानबाजी करार दे रहे हैं, जिसका उद्देश्य केवल अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरना है।













