नई दिल्ली- करवा चौथ यानी सुहागिनों का त्योहार इस बार 27 अक्टूबर शनिवार को है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखकर उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। इस व्रत में विवाहिता पूरे दिन निर्जला रहती हैं यानी पानी की एक बूंद भी नहीं पीती। संकष्टी चतुर्थी पर मां पार्वती के साथ-साथ उनके दोनों पुत्र गणेश और कार्तिक की भी पूजा की जाती है। सुबह महिलाएं मां पार्वती और शिवजी का पूजापाठ कर व्रत रखती हैं और सूर्योदय से पहले ही चाय या पानी पी लेती है, सूर्योदय होने के बाद वे (व्रत रखने वाली महिलाएं) पूरा दिन पानी की एक बूंद भी अपने गले से नीचे नहीं उतारती।
करवा चौथ की पूजा में ‘करवा’ सबसे जरुरी होता है, जो महिलाओं को सुबह उठकर सबसे पहले भरकर रखना होता है। इस व्रत में ‘करवे’ को ब्राह्मण या किसी सुहागन को दान करना चाहिए, इससे व्रत सफलतापूर्वक पूर्ण होता है।
करवा चौथ का व्रत शाम को चंद्रमा की पूजा करकर खोला जाता है। सोलह श्रृंगार कर विवाहित महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं और उसके बाद छन्नी में दीया रखकर अपने पति के भी दर्शन करती हैं। पूजा के बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर उसका व्रत तोड़ता है।
व्रत और पूजन की विधि
सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत की विधि पूर्ण करें। पावत्री मां की पूजा करकर, मिठाई, फल और पानी पीकर करकर व्रत शुरू करें। संपूर्ण शिव परिवार की स्थापना और पूजा करें। भगवान गणेश को पीले फूल और लड्डू चढ़ाएं।
व्रत खोलने का शुभ मुहूर्त
दिल्ली में रात को आठ बजकर एक मिनट पर व्रत खोलने का शुभ समय है, आप चंडीगढ़ में रहते हैं तो शाम 7 बजकर 57 मिनट पर अपना व्रत खोल सकते हैं, वहीं जयपुर में शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 7 मिनट का है और जोधपुर में रात 8 बजकर 20 मिनट पर व्रत खोलने का शुभ मुहूर्त है।