जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हुए आतंकी हमले में शहादत पाने वाले 40 जवानों से आप पूरी तरह वाकिफ हो चुके हैं, लेकिन इस हादसे से जुड़े कुछ ऐसे भी किरदार हैं, जिन्हों ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले को न केवल बेहद करीब से देखा है, बल्कि उसकी सिरहन अभी भी उसके दिलो-दिमाग में मौजूद है। इन्हीं किरदारों में एक का नाम असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर वृंदा सोंकवर है।
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर वृंदा सोंकवर 14 फरवरी को वह भी उसी काफिले का हिस्सा थी, जिसे आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया था। उन्होंने बताया कि 29 अन्य सहकर्मियों के साथ वे भी काफिले की बस नंबर तीन में मौजूद थीं। आतंकी वारदात में उनकी बस हमले की चपेट में आने से बाल-बाल बची थी। आतंकी हमले किसी को कुछ सोचने समझने का मौका मिलता, इससे पहले अंधाधुंध गोलियों की बरसात होने लगी थी।
उन्होंने बताया कि आंखों के सामने इतना भयंकर हादसा होने के बाद भी सीआरपीएफ के किसी भी जवान का हौसला अभी भी पहले जैसा ही था। उन्होंने बताया कि आतंकियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वे लोग फुर्ती से बस से निकले और मोर्चा संभाल लिया। वह अपनी अन्य सहयोगियों के साथ लगातार आतंकियों से लोहा लेती रहीं।