उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू तीन देशों गैबॉन, सेनेगल और कतर की यात्रा पर हैं, उपराष्ट्रपति 3 जून, 2022 को सेनेगल की राजधानी डाकार में नेशनल असेंबली के अध्यक्ष मुस्ताफा नियासे के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता कीं। इस दौरान उपराष्ट्रपति नायडू ने आज लोकतंत्र में राजनीतिक विरोधियों को सम्मान देने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि बहस, चर्चा और संवाद विधायी प्रक्रिया के मूलतत्व होते हैं।
वार्ता के दौरान उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सभी देशों को शांति निर्माण करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। शांति को प्रगति का आधार बताते हुए श्री नायडू ने इस बात पर बल दिया कि भारत सभी वैश्विक मुद्दों का समाधान शांतिपूर्ण रूप से करने का पक्षधर है।
उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रिक देश भारत और अफ्रीका का सबसे स्थिर और आदर्श लोकतंत्रों में से एक सेनेगल स्वाभाविक रूप से विकास के भागीदार हैं और एक-दूसरे के साथ स्वाभाविक संबंधों को साझा करते हैं। उन्होंने सेनेगल की स्वतंत्रता के बाद से वहां स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से राष्ट्रपति, संसदीय और स्थानीय चुनाव कराने के लिए सेनेगल की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारत की तरह, सेनेगल में भी लोकतंत्र राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास, सामाजिक सामंजस्य और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रमुखता की गारंटी देने का गढ़ रहा है।”
दोनों देशों के बीच गर्मजोशी और मैत्रीपूर्ण संबंधों को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने सेनेगल के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। आपसी सहयोग को मजबूती प्रदान करने और अनुभवों को साझा करने के लिए सांसदों के नियमित आवागमन की आवश्यकता पर बल देते हुए नायडू ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष को भारत की यात्रा करने का निमंत्रण दिया।
उपराष्ट्रपति ने सेनेगल में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत की
इससे पहले उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 2 जून को अपने सम्मान में आयोजित किए गए एक स्वागत समारोह के दौरान डकार में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी। भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक अफ्रीकी देश में एक संपन्न भारतीय समुदाय है, जिनमें से कई पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेनेगल के विकास में अपनी उपलब्धियों और योगदान के माध्यम से भारतीय प्रवासियों ने देश के लिए अपार सद्भावना उत्पन्न की है। उन्होंने कहा, “वास्तव में भारतीय प्रवासी अपने देश के सच्चे सांस्कृतिक राजदूत रहे हैं। दुनिया भर में उनकी सफलता हमारे लिए गर्व का एक बहुत बड़ा स्रोत है।”
सेनेगल की यात्रा के दौरान, उपराष्ट्रपति के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने सेनेगल के साथ कई समझौतों, राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट समझौते, एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम और युवा मामलों में सहयोग करने पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इस बात पर ध्यान देते हुए कि सेनेगल में भारतीय स्वामित्व वाले कई व्यवसाय हैं, नायडू ने कहा कि वे सेनेगल और भारत के बीच व्यापार और निवेश में नए सहयोग का निर्माण और पारस्परिक वृद्धि और विकास का समर्थन कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “आज हमारे दोनों देशों ने जो कुछ भी प्राप्त किया है, वह सेनेगल में जीवंत भारतीय समुदाय के योगदान के बिना संभव नहीं हो सकता था।”
उपराष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय की सराहना की जिन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को जीवंत रखा है और इसे अपनी अनूठी शैली के माध्यम से पोषित किया है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त किया कि यहां पर कई भारतीय उत्सवों को एक समुदाय के रूप में मनाया जाता है और उन्होंने विभिन्न सीएसआर और परोपकारी गतिविधियों के माध्यम से जरूरत के समय स्थानीय लोगों की हमेशा सहायता की है। नायडू ने याद किया कि हाल के वर्षों में 4सी – केयर, कनेक्ट, सेलिब्रेट और कंट्रीब्यूट के अंतर्गत भारतीय प्रवासियों तक पहुंच कई गुना बढ़ी है। उन्होंने बल देकर कहा,”दुनिया के सभी हिस्सों में भारतीय नागरिकों की रक्षा, सुरक्षा, कल्याण और हित भारत की प्राथमिकता है।”
इससे पहले 2 जून को दिन में, उपराष्ट्रपति ने डकार में अफ्रीकी पुनर्जागरण स्मारक का दौरा किया था। यह कांस्य और तांबे से बनी हुई 52 मीटर की एक स्मारकीय संरचना है जो ‘अफ्रीकी महाद्वीप की गरिमा’ का प्रतीक है और इसे बढ़ावा देती है। नायडू ने अफ्रीकी पुनर्जागरण स्मारक में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
जून, 2022 को डकार में अफ्रीकी पुनर्जागरण के स्मारक का दौरा करते हुए उपराष्ट्रपति
नायडू ने सेनेगल के संस्कृति मंत्री, अब्दुल्लाये के साथ ‘म्यूजियम ऑफ ब्लैक सिविलाइजेशन’ का दौरा किया। यह संग्रहालय अफ्रीकी कला, संस्कृति और इतिहास का भंडार है और इसका उद्देश्य दुनिया में अफ्रीकी सांस्कृतिक और वैज्ञानिक योगदान को उजागर करना है। आगंतुक पुस्तिका में लिखते हुए, नायडू ने संग्रहालय की प्रशंसा की और इसे “राजनीतिक, सांस्कृतिक, कलात्मक और आर्थिक सहित अपने सभी बहुमुखी रूपों में अद्वितीय” कहा। उपराष्ट्रपति के साथ इस यात्रा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. भारती प्रवीण पवार, सांसद सुशील कुमार मोदी, सांसद विजय पाल सिंह तोमर, सांसद पी. रवींद्रनाथ और उपराष्ट्रपति सचिवालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी गए हैं।