हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सूरजकुंड में संगठन के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम ने कार्यक्रम को संबोधित किया। और हरियाणा सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होने कहा कि इस का सबसे बड़ा उदाहरण हरियाणा में सरकारी भर्तियों में पर्ची-खर्ची के सिस्टम को खत्म कर केवल मैरिट के आधार पर योग्य उम्मीदवारों को नौकरियां मिली हैं।
वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से इन 7 वर्षों में हरियाणा सरकार निरंतर जन कल्याण के कार्य करती आ रही है। हमारी सरकार ने 25 दिसंबर, 2014 को सुशासन अवसर पर हरियाणा में सुशासन लाने का जो संकल्प लिया था, वह आज पूर्ण रूप से साकार हो रहा है, क्योंकि सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों का लाभ समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंच रहा है।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान गरीब परिवारों के बच्चे सरकारी नौकरी में आने का केवल सपना ही देख पाते थे। उस समय नौकरी में आने के लिए पर्ची-खर्ची के सिस्टम का सहारा लेना पड़ता था, इसलिए युवाओं के सपने हमेशा अधुरे रह गए। लेकिन हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही पर्ची-खर्ची के सिस्टम को समाप्त किया। उसके बाद मर्जी यानी कई अधिकारी जो अपनी मनमर्जी के मुताबिक नौकरियों में सिफारिश करते थे, उसे भी समाप्त किया। भर्तियों में साक्षत्कार की प्रथा को खत्म कर मिशन मैरिट की शुरुआत की। अब केवल मैरिट के आधार पर ही सरकारी भर्तियां की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में सरकारी भर्तियां में किस तरह की गड़बड़िया चलती थी, वह सबको पता है। इतना ही नहीं, अधिकतर भर्तियां तो कोर्ट से रद्द हो गई, लेकिन हमारे कार्यकाल में एक भी सरकारी भर्ती कोर्ट से रद्द नहीं हुई है।
हमने सरकार में आते ही पिछली सरकारों के पर्ची-खर्ची के सिस्टम को समाप्त किया।
उसके बाद मर्जी यानी कई अधिकारी जो अपनी मनमर्जी के मुताबिक नौकरियों में सिफारिश करते थे, उसे भी समाप्त किया।
हमारी सरकार में सिर्फ़ मेरिट के आधार पर ही सरकारी नौकरियों में भर्तियां की जा रही हैं। pic.twitter.com/aBO2XQasmK— Manohar Lal (@mlkhattar) July 15, 2022
पारदर्शिता के जरिये बचाए 1200 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद सिस्टम में चल रहे भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हमने ई-गर्वनेंस पर बल दिया। ई-गर्वनेंस के माध्यम से सुशासन का रास्ता तय करने के लिए हमने केवल विकासात्मक परियोजनाओं पर ही ध्यान केंद्रित नहीं किया बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के कई कार्य किए। राज्य सरकार ने हर विभाग की योजनाओं और सेवाओं को ऑनलाइन माध्यम से देना सुनिश्चित किया। आज केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं व सेवाओं के तहत लाभार्थियों को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है। इससे न केवल सिस्टम में पारदर्शिता आई बल्कि बिचौलिये भी खत्म हो गए। परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर राज्य सरकार ने 1200 करोड़ रुपये बचाये हैं।
परिवार पहचान पत्र साबित हो रहा मील का पत्थर
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार अंत्योदय की भावना से कार्य कर रही है। इसलिए राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र नामक एक महत्वकांक्षी योजना चलाई है, जिसके तहत अति गरीब परिवारों की पहचान कर उनका आर्थिक उत्थान कर उन्हें मुख्यधारा में लाना है। आज सभी सरकारी योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लोगों को घर बैठे ही मिल रहा है, उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से वृद्धावस्था पेंशन को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया है, तब से वृद्धजनों की आयु 60 वर्ष होने पर ऑनलाइन माध्यम से स्वतः ही उनकी पेंशन बन रही है। इसके अलावा, परिवार पहचान पत्र के माध्यम से आय के आधार पर राशन कार्ड बनाने का कार्य भी चल रहा है। पिछले 3 माह में लगभग 80 हजार राशन कार्ड बनाए गए हैं।
पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति से शुरुआत करना हमारा असली ध्येय
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का ध्येय पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना है। जिसका हक होगा उसको अपना हक अवश्य मिलेगा, लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ सबसे पहले गरीब व्यक्ति को ही मिलेगा।
इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत अंत्योदय मेलों का आयोजन किया गया और 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय से कम परिवारों की पहचान कर उन्हें मेलों में आमंत्रित किया गया। इन परिवारों के सदस्यों को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने और स्वरोजागर शुरू करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य इन परिवारों की आय कम से कम 1.80 लाख रुपये करना है।