सरकार ने घरेलू दलहन और तिलहन उत्पादन को बढ़ाने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता को अपनाना

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● सरकार ने घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ाने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) हासिल करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन (एनएमईओ-ओएस) शुरू किया है। मिशन के अंतर्गत देश भर में 600 मूल्य श्रृंखला क्लस्टर बनाने का प्रावधान है, जिसमें सामूहिक रूप से सालाना 10 लाख हेक्टेयर से अधिक का क्षेत्र कवर किया जाएगा।

● तिलहन (भारतीय सरसों) और दलहन (अरहर) सहित चयनित क्षेत्र की फसलों में उत्पादकता को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए हाइब्रिड प्रौद्योगिकी पर एक कंसोर्टिया अनुसंधान मंच 2014-15 से कार्यरत है, ताकि हाईब्रिड फसलों के विकास में तेजी लाई जा सके।

● सूरजमुखी के हाइब्रिड को बढ़ावा देने के लिए, देश के सूरजमुखी उगाने वाले क्षेत्रों में 10 संकरों के लगभग 15000 क्विंटल प्रमाणित बीजों के उत्पादन और वितरण के लिए “सूरजमुखी की खेती परियोजना का पुनरुद्धार” योजना चल रही है।

● भारत सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन ने किसानों के खेत पर अरहर, सूरजमुखी और अरंडी के संकरों पर फ्रंट-लाइन प्रदर्शन का समर्थन किया।

● “अल्प अवधि में उच्च उपज देने वाली अरहर की किस्मों और संकरों का उपयोग करके भारत में अरहर का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना” विषय पर एक नेटवर्क परियोजना संचालित की जा रही है।

● किसानों के गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता के मुद्दे को हल करने के लिए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) में 34 तिलहन और 150 दलहन बीज हब केंद्र स्थापित किए गए हैं।

विभिन्न तिलहनों और दलहनों पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाएं विशिष्ट क्षेत्र में संकर प्रौद्योगिकी की उपज के प्रदर्शन और स्थिरता का आकलन करने और राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए अंतिम सिफारिश करने वाली नोडल एजेंसियां हैं। रिलीज और अधिसूचना के बाद, हाइब्रिड/किस्मों को बीज गुणन के लिए बीज श्रृंखला में शामिल किया जाता है। साथ ही, वैज्ञानिकों की देखरेख में पहली बार किसानों के खेत में प्रौद्योगिकी की उत्पादन क्षमता और लाभ लागत अनुपात का अनुमान लगाने के लिए फ्रंट-लाइन प्रदर्शन भी आयोजित किए जा रहे हैं।

कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।