25 मई से खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट

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उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध सिख तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष 25 मई 2025 को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। उत्तराखंड सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन ट्रस्ट ने यात्रा तिथि की घोषणा कर दी है। यह यात्रा 10 अक्तूबर 2025 तक जारी रहेगी, जिससे श्रद्धालुओं को लगभग 5 महीने तक दर्शन का अवसर मिलेगा।

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बिंद्रा ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात कर यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं की जानकारी दी। सरकार और प्रशासन ने यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतजाम करने का भरोसा दिया है।

पिछले वर्षों में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

  • 2024: 1,83,722 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे।
  • 2023: 1,77,463 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे।

हर साल हजारों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल के दर्शन के लिए कठिन यात्रा तय करते हैं।

यात्रा मार्ग और कठिनाइयाँ

हेमकुंड साहिब 13,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए घांघरिया से 6 किमी की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। यह यात्रा कठिन मानी जाती है, इसलिए उत्तराखंड सरकार और गुरुद्वारा प्रबंधन ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।

यात्रा के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

  • स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य – ऊंचाई और कठिन चढ़ाई को देखते हुए सभी यात्रियों को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेना होगा।
  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन यात्रा में भीड़ को नियंत्रित करने और सुविधा प्रदान करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है।
  • ठहरने और भोजन की व्यवस्था – गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा यात्रियों के ठहरने और लंगर की व्यवस्था की गई है।
  • यात्रा के दौरान मौसम पर विशेष ध्यान – हेमकुंड साहिब ऊंचाई पर स्थित होने के कारण ठंड अधिक होती है, इसलिए यात्रियों को गर्म कपड़े और आवश्यक सामान लेकर आना चाहिए।

हर साल लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार भी 25 मई से 10 अक्तूबर 2025 तक हेमकुंड साहिब यात्रा चलेगी, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार और गुरुद्वारा प्रबंधन ट्रस्ट ने पूरी तैयारी कर ली है। श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य और मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलने की सलाह दी गई है।