राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को दशहरा के अवसर पर लोगों को संबोधित किया। नागुपर में हुए इस कार्यक्रम में इजरायल के राजनयिक कोब्बी शोशानी भी पहुंचे, संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदुओं को बांटने का काम चल रहा है। ऐसा करने वाले लोगों ने देश में गठबंधन भी कर लिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म जब उदित होगा तो इसके खोए हुए संतुलन पर अपना उल्लू सीधा करने वालों की दुकान बंद हो जाएगी। संघ प्रमुख ने कहा कि भारत विकास के रास्ते पर आगे ना बढ़े और हिंदू आपस में कटा-बंटा रहे इसके लिए प्रयास चल रहे हैं। जो भी भारत का है उसकी निंदा करना, जो भारतीय है उसकी निंदा करना। भारत के विकास को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि दुर्बलता ही कायरता को जन्म देती है। बल, शील, ज्ञान तथा संगठित समाज को ही दुनिया सुनती है। सत्य तथा शान्ति भी शक्ति के ही आधार पर चलती है। जागरुक, संगठित, बलसंपन्न व सक्रिय हिंदू समाज ही सब समस्याओं का समाधान है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत के जीवन की, भारत के परंपरा की,भारत के धर्म की, भारत के इतिहास की, भारत के वर्तमान की निंदा करना है। भारतीयों के मन में उनके प्रति ही अश्रद्धा पैदा करना है। मोहन भागवत ने कहा कि भारतीय मूल्यों पर हमला किया जा रहा है।मोहन भागवत ने कहा कि हमारी सामाजिक चेतना अब भी जाति आधारित भावनाओं की ओर झुकाव रखती है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है, कुछ कट्टरपंथी लोग देश को बांटने का काम कर रहे हैं। इसलिए हिंदुओं को बल संपन्न और संगठित होने की जरूरत है और यही सभी समस्याओं का हल भी है।सीमावर्ती राज्यों में घुसपैठ से आबादी बढ़ रही है। एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य की पुलिस पर हमला कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि हम देश के वासी हैं कि क्या हैं? उन्होंने कहा कि अपनी राजनीतिक स्पर्धा के चलते सरकारों का ही विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत व्यवस्था संघीय बनी है लोग संघीय नहीं बने हैं। संपूर्ण जन, एक जन एक राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे हुए लोग भी पोषक व्यवहार नहीं कर रहे हैं। ऐसे में समाज को कहा से पथ प्रदर्शन मार्ग मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने नाम लिए बिना ड्रग्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सरकार को भी नसीहत दे डाली,
संघ प्रमुख ने कहा कि आज हिंदुओं के मंदिरों की जमीनों को हड़पा जा रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि हिंदू मंदिरों का संचालन हिंदू भक्तों के ही हाथों में रहे तथा मंदिरों की सम्पत्ति का उपयोग हिंदू समाज की सेवा में ही हो। इसके लिए हमें सब प्रकार के भय से मुक्त होना होगा। दुर्बलता ही कायरता को जन्म देती है। बल, शील, ज्ञान तथा संगठित समाज को ही दुनिया सुनती है। सत्य तथा शान्ति भी शक्ति के ही आधार पर चलती है। “ ना भय देत काहू को, ना भय जानत आप ” ऐसे हिन्दू समाज को खड़ा करना पड़ेगा। जागरुक, संगठित, बलसंपन्न व सक्रिय समाज ही सब समस्याओं का समाधान है।
भारत की जनता, इतिहास, संस्कृति इन सबके विरुद्ध असत्य कुत्सित प्रचार करते हुए, विश्व को तथा भारत के जनों को भी भ्रमित करने का काम चल रहा है।
संघ प्रमुख ने कहा कि भारत के मूल्यों, संस्कृति, परंपरा की निंदा करने वाले लोगों ने अपना गठबंधन भी बना लिया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि हम देश के वासी हैं कि क्या हैं?
संपूर्ण जन, एक जन एक राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे हुए लोग भी पोषक व्यवहार नहीं कर रहे हैं। ऐसे में समाज को कहा से पथ प्रदर्शन मार्ग मिलेगा।