संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के का इस मसले पर बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा और कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उनकी पार्टी द्वारा अपील करने की खबरों से संयुक्त राष्ट्र अवगत है।
सूरत की एक अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई। राहुल पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान ‘मोदी सरनेम’ पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। अब ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर हमला बोला है। संयुक्त राष्ट्र संघ (UN ) तक राहुल गांधी की जेल की सजा का मामला पहुंच गया।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता फरहान हक का इस मसले पर बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा और कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उनकी पार्टी द्वारा अपील करने की खबरों से संयुक्त राष्ट्र अवगत है।
फरहान हक ने प्रेस ब्रीफिंग में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि हम राहुल गांधी के मामले से अवगत हैं। हम समझते हैं कि उनकी पार्टी फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है। इस स्तर पर मैं इतना ही कह सकता हूं।’
क्या है मामला, जिसमें राहुल को मिली सजा
2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में इस मामले से जुड़ी टिप्पणी की थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की। राहुल इस मामले की सुनवाई के दौरान तीन बार अदालत में पेश हुए। अक्तूबर 2021 में बयान दर्ज कराने के लिए अदालत पहुंचे राहुल ने खुद को निर्दोष बताया था। अब इसी मामले में राहुल को सजा सुनाई गई है।