सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि जीएसटी के सभी मामलों में गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं है। गिरफ्तारी तभी की जा सकती है जब दोषी साबित करने के लिए विश्वसनीय सबूत और ठोस सामग्री हो। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि गिरफ्तार करने की शक्ति गिरफ्तारी की आवश्यकता से भिन्न है। पीठ ने सीमा शुल्क अधिनियम और वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम से संबंधित प्रावधानों की सांविधानिक वैधता और व्याख्या को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा, कानून में यह नहीं कहा है कि जांच पूरी करने के लिए आपको गिरफ्तार किया जाना जरूरी है। यह कानून का उद्देश्य नहीं है। जीएसटी कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों पर राजू से कई सवाल पूछने वाली पीठ ने कहा, कानून ने स्वयं स्वतंत्रता को ऊंचे स्थान पर रखा है और इसे कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। एएसजी ने पीठ से कहा कि ज्यादातर गिरफ्तारियां जांच के दौरान की जाती हैं, क्योंकि किसी मामले में जांच पूरी होने के बाद कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी केवल संदेह के आधार पर नहीं जाती है, बल्कि तब की जाती है जब विश्वास करने के कारण किसी गंभीर अपराध के होने का संकेत देते हैं।