सुप्रीम कोर्ट ने मतदान के लिए ईवीएम मशीन का विरोध करने वालों को बड़ा झटका देते हुए आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के लिए बैलेट पेपर के जरिए मतदान कराने की याचिका खारिज कर दी। देश की सबसे बड़ी अदालत में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हर मशीन में दुरुपयोग की संभावना बनी रहती है और हर सिस्टम पर संदेह जताया जा सकता है। उन्होंने चुनाव में मतदान के लिए बैलेट पेपर इस्तेमाल करने की याचिका ठुकरा दी।सुप्रीम कोर्ट में आगामी 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के जरिए मतदान कराने संबंधी आदेश चुनाव आयोग को जारी करने को लेकर याचिका दायर की गई थी। देश में कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ कर वोट डलवाने का आरोप लगाया था।
इसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अप्रैल, 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की गई थी. इसके बाद कई पार्टियों ने ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।