भारत–फ्रांस वायुसेना अभ्यास में शक्ति का दमदार प्रदर्शन, रणनीतिक साझेदारी हुई और मजबूत

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भारत और फ्रांस ने रक्षा सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाते हुए संयुक्त वायुसेना अभ्यास के दौरान अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस बहुपक्षीय अभ्यास में दोनों देशों के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने जटिल मिशन प्रोफाइल पर उड़ान भरकर उच्च स्तरीय समन्वय और सामरिक विशेषज्ञता का परिचय दिया।

अभ्यास के दौरान मल्टी-लेयर एयर डिफेंस, एयर-टू-एयर कॉम्बैट, ग्राउंड स्ट्राइक मिशन, रणनीतिक हवाई अभियानों और संयुक्त ऑपरेशन तकनीकों सहित कई महत्वपूर्ण चरणों का परीक्षण किया गया। भारतीय वायुसेना ने राफेल, सुखोई-30 एमकेआई और मिराज-2000 जैसे अपने प्रमुख फाइटर जेट तैनात किए, वहीं फ्रांस ने भी अपने उन्नत लड़ाकू विमानों और तकनीकी दल के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।

इस संयुक्त अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों वायुसेनाओं के बीच पारस्परिक समझ बढ़ाना, संचालन में तालमेल को और सुदृढ़ करना और वास्तविक युद्ध परिस्थितियों से जुड़े अनुभव साझा करना रहा। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे अभ्यास न केवल सामरिक कौशल को निखारते हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच भरोसेमंद रक्षा साझेदारी को भी और मजबूत बनाते हैं।

भारत और फ्रांस पहले भी कई सैन्य अभियानों एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में एक साथ काम कर चुके हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अभ्यास वैश्विक मंच पर दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।