
केदारनाथ धाम जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सोनप्रयाग–केदारनाथ रोपवे को हरी झंडी मिल गई है। नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) ने अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) को इस प्रोजेक्ट का टेंडर जारी करते हुए लेटर ऑफ अवॉर्ड दे दिया है।
सिर्फ 36 मिनट में होगा सफर
अभी सोनप्रयाग से केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने में 9 घंटे तक लगते हैं और 16 किलोमीटर की कठिन पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। लेकिन रोपवे बन जाने के बाद 13 किलोमीटर का यह सफर सिर्फ 36 मिनट में पूरा होगा।
4,081 करोड़ रुपये की लागत, 29 साल तक संचालन
4,081 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाला यह प्रोजेक्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर बनाया जाएगा। अदाणी ग्रुप इस रोपवे का 29 साल तक संचालन करेगा।
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। 20 अप्रैल 2025 को इसकी फाइनेंशियल बिड खोली गई और अगस्त 2025 में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली। अक्टूबर 2025 से निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत तैयार किया जाएगा। इसके बन जाने से उत्तराखंड के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती मिलेगी।
खासियतें और सुविधाएँ
प्रति घंटे 1,800 यात्री एकतरफा यात्रा कर सकेंगे।
यह देश के सबसे लंबे रोपवे प्रोजेक्ट्स में शामिल होगा।
तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और पर्यटन उद्योग को भारी राहत मिलेगी।
यात्रा सुरक्षित और आरामदायक होगी।
यह प्रोजेक्ट न सिर्फ केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को बड़ी सुविधा देगा, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊँचाई पर ले जाएगा।