
लद्दाख के जाने-माने सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हाल ही में लद्दाख में हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने वांगचुक पर प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की है।
FCRA लाइसेंस रद्द होने के बाद गिरफ्तारी
सोनम वांगचुक की गैर-लाभकारी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का विदेशी अंशदान (FCRA) लाइसेंस गृह मंत्रालय ने गुरुवार को रद्द कर दिया था। इसके बाद ही शुक्रवार को वांगचुक को पुलिस ने हिरासत में लिया।
सरकार के आरोप
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि लद्दाख में हालिया हिंसा के पीछे वांगचुक की भूमिका रही है। आरोप है कि उन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया जिससे स्थिति बिगड़ी। सरकार ने कहा कि विदेशी फंडिंग और उसकी गतिविधियों की भी जांच की जाएगी।
वांगचुक का जवाब
2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक ने बातचीत में सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उनका कहना है कि उनकी संस्था ने कभी विदेशी चंदा नहीं लिया, बल्कि संयुक्त राष्ट्र, स्विट्जरलैंड और इटली की संस्थाओं के साथ व्यावसायिक लेन-देन किए हैं और सभी टैक्स समय पर चुकाए हैं।
क्यों है मामला अहम
सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख के पर्यावरण और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। हाल के महीनों में वे केंद्र शासित प्रदेश को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और पर्यावरण संरक्षण को लेकर मुखर रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद लद्दाख में माहौल और संवेदनशील हो गया है।