सहारा रिफंड पोर्टल पर अबतक 7 लाख लोगों ने कराया पंजीकरण, 45 दिनों के अंदर आएगा निवेशकों का पैसा…
सहारा पोर्टल पर अब तक 7 लाख से अधिक निवेशकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है। केंद्र सरकार के मुताबिक अभी कुल 10 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिलेगा।
सहारा पोर्टल को जिस उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार ने लॉन्च किया था, अब वह धीरे-धीरे पूरा होता जा रहा है। सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में जमा अपनी राशि को वापस पाने के लिए अबतक सात लाख निवेशकों ने इस बारे में शुरू किए गए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अबतक कुल 150 करोड़ रुपये की राशि के दावे प्राप्त हुए हैं। सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में जमा निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए इस पोर्टल को कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया है।
10 करोड़ निवेशकों को मिलेगा राहत
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई को ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ की शुरुआत की थी। सरकार ने मार्च में कहा था कि चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा नौ माह में लौटा दिया जाएगा। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये की राशि सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (सीआरसीएस) के खाते में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। सूत्रों ने बताया कि अबतक सहारा के सात लाख निवेशकों ने पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। इसके तहत कुल 150 करोड़ रुपये की राशि का दावा किया गया है।
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सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस को सैट से मिली थी राहत
हाल ही में सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को बड़ी राहत देते हुए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने दो लाख पॉलिसी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने के बीमा नियामक इरडा के आदेश पर रोक लगा दी थी। सैट का यह आदेश सहारा इंडिया लाइफ की उस अपील पर आया है जिसमें भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के आदेश को चुनौती दी गई थी। इरडा ने गत दो जून को पारित अपने आदेश में सहारा इंडिया लाइफ का पूरा कारोबार एसबीआई लाइफ को हस्तांतरित करने को कहा था। इसके अलावा बही खातों एवं बैंक खातों को भी स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था।
सहारा समूह की बीमा कंपनी की बिगड़ती वित्तीय सेहत को देखते हुए इरडा ने यह फैसला किया था। इसके खिलाफ सहारा इंडिया लाइफ ने सैट में अपील की थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने मंगलवार को पारित अपने आदेश में कहा कि इरडा के इस आदेश के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगाई जा रही है। यह मामला अब तीन अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।













