ऑपरेशन सिंधु के तहत अब तक 2003 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी, श्रीलंकाई छात्रा की भी निकासी

1

युद्ध संकट से जूझ रहे ईरान से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ऑपरेशन सिंधु तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में सोमवार रात महान एयर का एक विशेष विमान 290 यात्रियों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा।

अब तक भारत सरकार इस ऑपरेशन के तहत कुल 2003 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस ला चुकी है। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को आए विशेष विमान से 289 भारतीय नागरिकों के साथ एक श्रीलंकाई नागरिक को भी निकाला गया है।

श्रीलंकाई छात्रा की वापसी बनी सहयोग की मिसाल

दिल्ली पहुंची यात्रियों में फातिमा ईमान नामक एक श्रीलंकाई छात्रा भी शामिल थीं, जो ईरान के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही थीं। उन्होंने बताया कि जब उन्हें जानकारी मिली कि भारतीय छात्र स्वदेश लौट रहे हैं, तो उन्होंने श्रीलंका के दूतावास से संपर्क किया। इसके बाद भारत और श्रीलंका के दूतावासों के संयुक्त समन्वय से उनकी वापसी सुनिश्चित की गई। फातिमा ने भारत सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहा, “ईरान की स्थिति लगातार बिगड़ रही है, वहां रहना अब सुरक्षित नहीं है। आशा है कि हालात सुधरेंगे और विद्यार्थी वापस पढ़ाई के लिए लौट सकेंगे।”

वापसी करने वालों में बिहार के सिवान जिले के सैय्यद वजी हैदर ने भारत पहुंचने पर सुकून और गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सरकार और दूतावास ने जो व्यवस्था की, उसके लिए मैं दिल से आभारी हूं। यह गर्व का विषय है कि हम एक ऐसे देश से हैं जो हर संकट में अपने नागरिकों के साथ खड़ा रहता है।”

विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत ने ईरान के मशहद, अर्मेनिया की राजधानी येरेवन और तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से चार्टर्ड उड़ानों के जरिए नागरिकों को वापस लाने का कार्य शुरू किया है।

ईरान ने भी सहयोग करते हुए मशहद से उड़ानों के संचालन के लिए हवाई क्षेत्र पर लगे प्रतिबंधों को हटाया है, जिससे वहां से निकासी प्रक्रिया में तेजी आई है। ऑपरेशन सिंधु भारत की मानवतावादी नीतियों और वैश्विक संकट में अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण है। सरकार का प्रयास है कि अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचे और सभी भारतीय सुरक्षित अपने घर लौट सकें।