संगीतकार ए आर रहमान को राहत देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर अधिकारियों द्वारा जारी नोटिस के संचालन पर रोक लगा दी । इस नोटिस में अपने संगीत कार्यों के कॉपीराइट को संबंधित फिल्म निर्माताओं को स्थायी हस्तांतरण के लिए रहमान से सेवा कर की मांग की गयी थी । रहमान का तर्क यह था
कि एक संगीतकार कॉपीराइट अधिनियम के तहत अपने काम के लिए कॉपीराइट का पूर्णतया मालिक बन जाता है और बाद में फिल्म निर्माताओं को इस कापीराइट के अधिकारों का स्थायी हस्तांतरण, कर से मुक्त होता है। रहमान के तर्क को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति अनिता सुमंत ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए चेन्नई के जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद आयुक्त की ओर से 17 अक्टूबर 2019 को जारी नोटिस के संचालन पर चार मार्च तक के लिए रोक लगा दी है ।