प्रख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद् डॉ. एस शेट्टार का शुक्रवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे।परिवार के सूत्रों ने बताया कि उनका अस्पताल में श्वसन संबंधी बीमारी के लिए इलाज चल रहा था। बल्लारी जिले में जन्मे शेट्टार ने मैसुरु और धारवाड में अपनी पढ़ाई पूरी की और इंग्लैंड में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
भारतीय इतिहास के विद्वान माने जाने वाले शेट्टार ने 1970 से 1996 तक विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया। उनके परिवार के सूत्रों ने बताया कि शेट्टार को कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड में भारतीय कला इतिहास संस्थान (1978-96) का निदेशक और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नयी दिल्ली (1996-1999) का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने शोक जताया और कन्नड़ में ट्वीट किया, ‘‘डॉ. एस शेट्टार के निधन से भारतीय शिक्षाविद् जगत की भारी क्षति हुई है। उन्हें हमारा मार्गदर्शन करने के लिए कुछ और वक्त तक हमारे साथ होना चाहिए था।’’ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की बेंगलुरु इकाई ने शेट्टार को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां शोक सभा आयोजित की