वंदे मातरम पर विवाद पर राजनाथ सिंह सख्त —कहा, देश के इतिहास व भविष्य से जुड़ा गीत

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लोकसभा में सोमवार को ‘वंदे मातरम’ को लेकर हुई चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय गीत के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने इसे अनावश्यक रूप से सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की है, जबकि यह किसी धर्म या समुदाय के विरोध में कभी नहीं रहा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वंदे मातरम भारतीय संस्कृति, इतिहास और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रतीक है।

रक्षा मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि इस वर्ष वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह गीत केवल शब्दों का मिश्रण नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सेनानियों के लिए ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत रहा।

राजनाथ सिंह ने बताया कि वंदे मातरम की गूंज उस दौर में इतनी प्रभावशाली थी कि उसकी प्रतिध्वनि अंग्रेज़ी समुद्र पार कर ब्रिटिश संसद तक सुनाई दी। उन्होंने कहा, “वंदे मातरम वह गीत है जिसने सोए हुए राष्ट्र को जगाया और लगभग आधी शताब्दी तक स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बना रहा।”

सिंह ने अपील की कि राष्ट्रीय गीत को किसी संकीर्ण दृष्टिकोण से देखने के बजाय इसे देश की एकता, सम्मान और स्वतंत्रता की गौरवशाली धरोहर के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। लोकसभा में यह संबोधन राष्ट्रगीत को फिर से चर्चा के केंद्र में ले आया है, विशेषकर 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर देशभर में इससे जुड़े कार्यक्रम व सम्मान समारोह की उम्मीद जताई जा रही है।