
अमरनाथ यात्रा के लिए ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ जवानों को खराब और गंदे डिब्बों वाली ट्रेन में भेजे जाने की घटना ने देशभर में नाराजगी फैला दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार रेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही, पूरे प्रकरण की जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं।
क्या है मामला?
यह मामला तब सामने आया जब त्रिपुरा के उदयपुर से बीएसएफ की 13 कंपनियों के करीब 1,200 जवानों को 6 जून को जम्मू तवी के लिए रवाना किया जाना था। हालांकि, इन्हें 9 जून को जो विशेष ट्रेन दी गई, उसकी हालत बेहद खराब और अस्वच्छ थी। ट्रेन के जर्जर डिब्बों की तस्वीरें और वीडियो जब सोशल मीडिया पर सामने आए, तो जनभावनाएं भड़क उठीं। खुद जवानों ने वीडियो में डिब्बों की दुर्दशा और अव्यवस्था को दिखाते हुए नाराजगी जताई।
रेल मंत्री का कड़ा रुख
इस मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है। ऐसी लापरवाही अस्वीकार्य है और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी। रेल मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, चार रेल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि इस मामले की जांच तेजी से पूरी कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई में कहा था कि ट्रेन की व्यवस्था संबंधित यूनिट के स्तर पर की गई थी, लेकिन इसके बावजूद आलोचना थमी नहीं। जनता और पूर्व सैनिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रियाओं के बीच रेलवे को आखिरकार कड़ा कदम उठाना पड़ा।
जवानों के सम्मान से कोई समझौता नहीं
रेल मंत्री की इस कार्रवाई को सुरक्षा बलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि देश की सुरक्षा में लगे जवानों की गरिमा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे सुरक्षा बलों के साथ व्यवहार और सुविधाएं किस स्तर की होनी चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई के बाद ऐसी लापरवाही की पुनरावृत्ति नहीं होगी।