कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से किए गए अचानक लॉकडाउन के कारण काफी ‘‘डर’’ और ‘‘भ्रम’’ पैदा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने गरीबों की दुर्दशा को उजागर किया और घातक बीमारी से लड़ने के लिए कुछ विकसित देशों द्वारा घोषित पूर्ण बंद के अलावा अन्य कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह समझना हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि भारत की स्थितियां अलग हैं। हमें बड़े देशों की तुलना में अलग कदम उठाने होंगे जो पूरी तरह बंद की रणनीति अपना रहे हैं।’’
राहुल ने कहा कि भारत में दैनिक आय पर निर्भर करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जिससे महामारी के परिप्रेक्ष्य में सभी आर्थिक गतिविधियों को एकतरफा रोक देना ठीक नहीं है। उन्होंने आशंका जताई, ‘‘पूरी तरह आर्थिक बंद से कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या खतरनाक रूप से बढ़ जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अचानक बंद होने से काफी भय और भ्रम पैदा हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि फैक्टरियां, छोटे उद्योग और निर्माण स्थल बंद हो गए हैं और हजारों लोग कठिन यात्रा कर अपने गृह राज्यों में पहुंच रहे हैं। राहुल ने कहा कि मजदूरों को दैनिक मजदूरी नहीं मिल रही
या पोषण एवं मूल सेवाएं हासिल नहीं हो रही हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे लोगों को आश्रय ढूंढने में सहयोग कर सकें और सीधे उनके बैंक खाते में धन दें ताकि अगले कुछ महीने तक वे मुश्किलों का सामना कर सकें। कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्ण बंद होने से लाखों बेरोजगार युवक अपने गांवों की तरफ जाएंगे जिससे वे गांवों में रह रहे अपने बुजुर्ग माता-पिता और बुजुर्ग आबादी को संक्रमित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसे जीवन की काफी क्षति होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों की रक्षा करना और उन्हें पृथक करना है और युवाओं को बुजुर्गों से नजदीकी के खतरे से आगाह करना है।’’