प्रोवोग इंडिया में ₹90 करोड़ घोटाले की जांच शुरू, EOW ने चार लोगों पर केस दर्ज किया

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शहर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने प्रोवोग इंडिया लिमिटेड में हुए कथित ₹90 करोड़ के घोटाले की जांच शुरू कर दी है। यह कार्रवाई कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक निखिल चतुरवेदी की शिकायत पर की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कंपनी की संपत्तियों का गलत मूल्यांकन, नीलामी प्रक्रिया में जानबूझकर देरी, और देय राशि की वसूली में लापरवाही के कारण कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

मामले में पूर्व निदेशक राकेश रावत, पूर्व कर्मचारी समीर खंडेलवाल, रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल अमित गुप्ता, और खरीददार अर्पित खंडेलवाल के साथ-साथ Plutus Investments & Holdings Ltd के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने 2018 से 2023 के बीच योजनाबद्ध तरीके से कंपनी के हितों को नुकसान पहुंचाया। आरोप है कि संपत्तियों की वास्तविक वैल्यू को कम दिखाया गया और नीलामी को दो साल तक रोककर बाजार मूल्य गिराया गया ताकि खरीदार को अनुचित लाभ मिल सके। EOW ने धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज कर लिया है। जांच में कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड, नीलामी दस्तावेज और आंतरिक रिपोर्टों की गहन पड़ताल की जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आरोप साबित होते हैं तो यह घोटाला न केवल प्रोवोग की वित्तीय स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि कंपनी के आंतरिक शासन पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा। जांच के परिणाम के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय होगी।