
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर नहीं जाएंगे। आगामी संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर करेंगे। न्यूयॉर्क में होने वाली इस उच्च स्तरीय वार्षिक बैठक में वे भारत की ओर से संबोधन देंगे और विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष घरेलू कार्यक्रमों और व्यस्तताओं के चलते अमेरिका जाने का कार्यक्रम नहीं बनाया है। हालांकि, भारत संयुक्त राष्ट्र मंच पर अपनी सक्रिय भूमिका जारी रखेगा। विदेश मंत्री जयशंकर 22 से 28 सितंबर तक अमेरिका में रहेंगे और इस दौरान वे महासभा के अलावा कई बहुपक्षीय मंचों पर भी भाग लेंगे।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का 79वां सत्र इस बार वैश्विक चुनौतियों पर केंद्रित रहेगा। इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया का संकट, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत अपने संबोधन में ‘वैश्विक दक्षिण’ की आवाज को मजबूती से उठाएगा और विकासशील देशों की चिंताओं को सामने रखेगा।
डॉ. जयशंकर का यह दौरा कूटनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। वे अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकेन सहित कई बड़े देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, ब्रिक्स, जी-77 और क्वाड से जुड़े कार्यक्रमों में भी भारत की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का UNGA से दूर रहना असामान्य नहीं है, क्योंकि अक्सर कई देशों के प्रमुख वहां उपस्थित नहीं होते और विदेश मंत्री ही उनका प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के लिए यह रणनीतिक दृष्टि से भी लाभकारी है, क्योंकि जयशंकर जैसे अनुभवी कूटनीतिज्ञ वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति को स्पष्टता और मजबूती से रख सकते हैं।
कुल मिलाकर, इस बार प्रधानमंत्री मोदी भले ही अमेरिका न जा रहे हों, लेकिन विदेश मंत्री जयशंकर का दौरा भारत की विदेश नीति को वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रस्तुत करने का अवसर बनेगा।