प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख का प्रतीक

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एन्शिएंट वेल्वित्शिया मिराबिलिस’ प्रदान किया है। यह ऐतिहासिक सम्मान उन्हें नामीबिया की राष्ट्रपति नेतुम्बो नंदी-डैतवाह ने एक विशेष समारोह के दौरान भेंट किया। यह पहली बार है जब किसी भारतीय नेता को यह दुर्लभ और प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।

यह सम्मान क्यों है खास?

यह सम्मान वेल्वित्शिया मिराबिलिस नामक एक प्राचीन और दुर्लभ पौधे के नाम पर आधारित है, जो केवल नामीबिया की भूमि पर उगता है। यह पौधा सहिष्णुता, स्थायित्व और जीवन शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यही मूल्य भारत और प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक सोच में भी परिलक्षित होते हैं।

सम्मान प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करते हुए कहा, मैं लोकतंत्र की जननी का प्रतिनिधि बनकर आपके बीच खड़ा हूं। यह सम्मान भारत की जनता और संस्कृति का सम्मान है।

अब तक पीएम मोदी को मिल चुके हैं 27 अंतरराष्ट्रीय सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को अब तक विभिन्न देशों द्वारा कुल 27 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं। इनमें कई देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी शामिल हैं। यह भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा, नेतृत्व क्षमता और कूटनीतिक प्रभाव को दर्शाता है।

किन-किन देशों ने नवाजा पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च पुरस्कार से?
यूएई – ज़ायद मेडल (2019)
रूस – ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू (2019)
फ्रांस – ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर (2023)
भूटान – ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो
बहरीन – किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां
अफगानिस्तान – अमानुल्ला खान अवॉर्ड
सऊदी अरब – किंग अब्दुलअजीज साश
मालदीव – नाइशान इज्जुद्दीन अवॉर्ड
पापुआ न्यू गिनी – ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू (2024)
ऑस्ट्रेलिया – द ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया (2024)
पलाऊ – एबाई ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस (2024)
फिजी – कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी (2024)
नामीबिया – ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एन्शिएंट वेल्वित्शिया मिराबिलिस (2025)

प्रधानमंत्री मोदी को मिलते इन सम्मानों से यह साफ है कि भारत आज वैश्विक मंच पर नेतृत्व, भरोसे और प्रभाव का प्रतीक बन चुका है। उनकी ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ नीति, सक्रिय कूटनीति और जनहितकारी सोच ने भारत को एक नए युग के वैश्विक भारत के रूप में स्थापित किया है।

यह केवल एक नेता को दिया गया सम्मान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत, लोकतंत्र और वैश्विक दृष्टिकोण की मान्यता है।