राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी अगले मुख्य सतर्कता आयुक्त होंगे। उनका चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। समिति ने बहुमत के फैसले से सूचना आयुक्त बिमल जुल्का को केंद्रीय सूचना आयोग का नया मुख्य सूचना आयुक्त चुना है। वह पहले सूचना एवं प्रसारण सचिव भी रह चुके हैं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कोठारी और जुल्का को क्रमश: नया सीवीसी तथा नया सीआइसी चुना गया है।’’ कोठारी और जुल्का भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जहां इस फैसले का विरोध किया। पैनल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘कोठारी और जुल्का को नया सीवीसी और सीआईसी चयनित किया गया है।’’ तीन सदस्यीय पैनल ने सतर्ककता आयुक्त के रूप में सुरेश पटेल और सूचना आयुक्त के रूप में अनीता पांडोव के नाम पर मुहर लगाई है। नियुक्तियों से संबंधित आदेशों के बुधवार तक जारी होने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इस बारे में औपचारिक मंजूरी ली जाएगी। कांग्रेस ने मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया को पूरी तरह ‘‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’’ करार देते हुए इसे तुरंत निरस्त करने की मांग की।
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सीवीसी के पद पर अपना ‘रबर स्टैम्प’ चाहती है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ देश में सीवीसी एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रमुख निगेहबान है। इसलिये यह जरूरी है कि इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति ऐसे व्यक्ति की हो जिसकी ईमानदारी सवालों से परे हो। नियुक्ति की प्रकिया भी पारदर्शी होनी चाहिए।’’ तिवारी ने दावा किया,‘‘ सर्च कमेटी में सरकार के एक प्रमुख अधिकारी सदस्य थे और वह सीवीसी पद के लिए आवेदक भी थे। बाद में उन्होंने खुद को इस समिति से अलग किया।
कोई आवेदक ही कैसे सर्च कमेटी में हो सकता है?’’ उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘ संजय कोठारी आवेदक नहीं थे। लेकिन प्रधानमंत्री ने तुगलकी फरमान जारी किया और सीवीसी के तौर पर उनकी नियुक्ति कर दी गयी। दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है।’’ तिवारी ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी जिसको दी गयी है, उसकी नियुक्ति की प्रक्रिया ही पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस तरह से तो चपरासी की नियुक्ति भी नहीं हो सकती।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया,
‘‘सीवीसी और सतर्कता आयुक्त को नियुक्त करने की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर नए सिरे से प्रक्रिया शुरू होनी चहिए।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है इसलिए वो चाहते हैं कि सीवीसी के पद पर उनका रबर स्टैम्प होना चहिए।’’ इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सीवीसी और सीआईसी की नियुक्ति ‘खुल जा सिम सिम’ की तर्ज़ पर हुई। जेब से नाम निकालो, नियुक्ति कर दो।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी जी के ‘नयक इंडिया’ में पारदर्शिता, जवाबदेही, संवैधानिक प्रक्रिया और क़ानून की अनुपालना की कोई जगह नहीं बची है। शीर्ष न्यायिक संस्थाओं में मनमानी लोकतंत्र के लिए घातक है।’’