राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अफ्रीका के तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में बुधवार को मॉरिटानिया पहुंचीं। यहां मॉरिटानिया की राजधानी नौआकचॉट में राष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य पर जोर दिया। साथ ही इस लक्ष्य को प्राप्त करने में भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित स्वागत समारोह में कहा, ‘हम वर्ष 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारा प्रवासी परिवार इस प्रक्रिया में एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है।’ इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने मेजबान देश का आभार व्यक्त किया और कहा कि मैं भारतीय समुदाय का हमेशा समर्थन करने के लिए मॉरिटानिया की सरकार और लोगों का आभार व्यक्त करती हूं। इस मौके पर राष्ट्रपति ने भारत और मॉरिटानिया सहयोग की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचे, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास और डिजिटल नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में मॉरिटानिया के विकास में योगदान दे सकता है।
राष्ट्रपति ने साझा मूल्यों की ओर इशारा करते हुए मॉरिटानिया और भारत के बीच सांस्कृतिक समानता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘मॉरिटानिया और भारत की संस्कृति के बीच कई समानताएं हैं। चूंकि कपड़े, विशेष रूप से महिलाओं के कपड़े, समान हैं, पूर्वजों के लिए सम्मान है, पारिवारिक संबंध मजबूत हैं और बच्चों को सामाजिक मूल्य सिखाए जाते हैं।’ राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय प्रवासियों के बीच होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा, ‘आज मॉरिटानिया में छोटे लेकिन जीवंत और सक्रिय भारतीय समुदाय के बीच उपस्थित होना मेरे लिए वास्तव में खुशी और सम्मान की बात है।’
राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि, मॉरिटानिया के विदेश मामलों, सहयोग और मॉरिटानिया के विदेश मंत्री मोहम्मद सलेम ओल्ड मेरजोग ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की। बैठक की तस्वीर साझा कर कहा, ‘राष्ट्रपति ने कहा कि भारत से मॉरिटानिया की यह पहली राजकीय यात्रा विभिन्न क्षेत्रों में करीबी द्विपक्षीय सहयोग की नींव रखने में मदद करेगी।’