गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी चाहते थे कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक ऐसी प्रतिमा बने जो दुनिया में सबसे ऊंची हो। नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा सपना अब पूरा होने जा रहा है। बता दें कि 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व की इस सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करेंगे।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति बनकर तैयार हो गई है। अब इस प्रतिमा की फाइनल फीनिशिंग पर काम चल रहा है।
सरदार की इस प्रतिमा के साथ ही श्रेष्ठ भारत भवन की भी शुरुआत की जाएगी। इस भवन में 50 से ज्यादा कमरे तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही इस जगह आने वाले पर्यटकों के लिए वैली भी तैयार की गई है। सुरक्षा, सफाई के साथ ही पटेल की प्रतिमा के पास फूड कोर्ट भी बनाया जा रहा है।
दिलचस्प बात तो ये है कि स्टैच्यू के अंदर दो लिफ्ट रखी गई है। यह लिफ्ट स्टैच्यू में ऊपर तक ले जाएगी, जहां सरदार पटेल के दिल के पास एक गैलरी बनायी गई है। यहां से पर्यटकों को सरदार पटेल बांध और वैली का नजारा देखने को मिलेगा।
इस मूर्ति के निर्माण के लिए केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2014 में लार्सेन एंड टर्बो कंपनी को ठेका दिया गया। इस काम को तय समय में अंजाम तक पहुंचाने के लिए 4076 मजदूरों ने दो शिफ्टों में काम किया। इसमें 800 स्थानीय और 200 चीन से आए कारीगरों ने भी काम किया। इस मूर्ति से पटेल की वो सादगी भी झलकती है जिसमें सिलवटों वाला धोती-कुर्ता, बंडी और कंधे पर चादर उनकी पहचान थी। ये सब कुछ मूर्ति में ढल चुका है।
सरदार पटेल की शख्सियत में वो दम था कि उनको सम्मान से लौह पुरुष कहा जाता था। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कोने कोने से लोहा मांगा था ताकि वो लोहा पटेल के सपनों को फौलादी बना दे। अब ये इत्तफाक है या कुछ और, लेकिन पटेल की मूर्ति का शिलान्यास भी तभी हुआ था, जब लोकसभा का चुनाव होने वाला था और उद्घाटन भी तभी होने जा रहा है, जब 2019 की चुनावी आहट देश सुनने लगा है।
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