देश में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूरों को अपने यहां से उनके गृह राज्य भेजने को त्तपर दिखाई दे रहे हैं। इन सबके बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने प्रवासी मजदूरों से राज्य में बने रहने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अगर सभी प्रवासी मजदूर अपने राज्यों में चले जाएंगे तो गोवा को आर्थिक रूप से पटरी पर लाने में दिक्कत होगी। गोवा के पास जब आदमी ही नहीं होंगे तो गोवा को सशक्त कैसे बनाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में 80 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों ने अपने राज्य वापस जाने के लिए पंजीकरण कराया है।
इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से गोवा के दोनों जिलों को ग्रीन जोन घोषित किए जाने के बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि ‘जंग अभी जारी है।’ उन्होंने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि राज्य के लोग स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए बदली हुई जीवनशैली को अपनाएं।
उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘हमारे कोरोना वॉरियर्स और गोवा की जनता के प्रयासों के चलते भारत सरकार ने हमारे राज्य को ग्रीन जोन घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें सुरक्षित स्वास्थ्य मानदंडों जैसे कि स्वच्छता, चेहरे को ढकने, सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखने और लॉकडाउन के दौरान घर पर रहने को प्राथमिकता देकर, बदली हुई जीवनशैली अपनाते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी रखनी है।’ इस दौरान उन्होंने चिंता भी जताई और कहा कि प्रवासी लोगों को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है।
वह यहीं पर रहकर सरकार का साथ दें क्योंकि सरकार को भी अभी उनकी जरूरत है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग मीडिया में आ रही खबरों के बाद से अपने परिवार को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन्हें अभी अपने राज्यों में जाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रवासी लोगों का गोवा में बने रहना जरूरी है।