समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर हैं। बीते महीने लखनऊ में सैकड़ों लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाने के बाद अब वह गठबंधन लायक दल की तलाश में हैं। लगता है कि उनकी तलाश पूरी हो गई है। मथुरा में शुक्रवार को किसान महापंचायत में राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्क्ष जयंत चौधरी के साथ उनका मंच साझा करना इसका बड़ा संकेत है कि समाजवादी पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल के परंपरागत वोट की तलाश में है। उधर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मथुरा में किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपनी पूरी ताकत झोंकी।
किसान महापंचायत में भी अखिलेश यादव तथा जयंती चौधरी के निशाने पर भाजपा की केंद्र के साथ उत्तर प्रदेश की सरकार थी। अखिलेश यादव ने किसान महापंचायत के मंच से कहा कि मैं और जयंत अभी जवान हैं हमें अभी लाठी की जरुरत नहीं है। अगर हमें लाठी की जरुरत पड़ी तो हमें पता है लाठी कहां चलाना है। अखिलेश यादव के साथ जयंत ने कृषि बिल का एक बार फिर विरोध किया कहा देश में जो तीन काले कानून लाए गए हैं,वो किसानों को बर्बाद करने वाले कानून हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी युवा नेता हैं। इनकी जोड़ी प्रदेश में लम्बे समय तक चल सकती है। राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने पार्टी उपाध्यक्ष के निर्देश पर गुरुवार को मथुरा में रात तक गांव-गांव संपर्क किया। रालोद के नेता तथा कार्यकर्ताओं ने मांट विधानसभा क्षेत्र के गांव बरौंठ, खानपुर, भरतिया, कानेका, बिरजूगढ़ी, मरैला, मिट्ठौली, चौकड़ा, अवाखेड़ा, चांदपुर, मानागढ़ी में किसानों से संपर्क किया।