देशभर में चल रही भारत सरकार की ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के दौरान प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना काफी वाह-वाही बटोर रही है। यात्रा के दौरान कई महिलाओं ने पीएम उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर मिलने से उनके जीवन में आए सुखद परिवर्तनों को साझा किया। उल्लेखनीय है कि इस योजना के जरिये आसानी से एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध होने से महिलाओं को काफी राहत मिली हैं। चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी इकठ्ठी करने व धुएं में खाना पकाना के झंझट से मुक्ति मिलने से आम जन विशेषकर महिलाएं काफी खुश हैं। यात्रा के दौरान योजना के इस महत्व से अन्य लोगों को भी अवगत कराया जा रहा है।
संकल्प यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने योजना के सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला
वर्ष 2016 में लॉन्च की गयी इस योजना के तहत ( जिसमें करोड़ो महिलाएं शामिल हैं ) संकल्प यात्रा की एक महीने की अवधि में लगभग 3.77 लाख महिलाएं नामंकन करवा चुकी हैं। महिलाओं द्वारा साझा किए गए अनुभवों से स्पष्ट होता होता हैं कि पीएम उज्ज्वला योजना वास्तव में एक गेम चेंजर रही है, जिसने करोड़ों महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारा है।
पीएम उज्ज्वला योजना से पहले महिलाओं का जीवन
पीएम उज्ज्वला योजना लांच होने से पहले हमारे देश में करोड़ों परिवार जलाऊ लकड़ी, कोयला और गाय के गोबर के उपलों जैसे खाना पकाने के पारंपरिक ईंधन का उपयोग करने के लिए मजबूर थे। भारतीय महिलाओं के लिए धुएं से भरी रसोई में भोजन पकाने की वजह से दिनभर खांसना और साँस लेने में परेशानी होना आम बात थी। यही नहीं, महिलाओं का स्वास्थय ख़राब होने के साथ-साथ कई पर्यावरण संबंधी चुनौतियां भी पैदा हो रही थी। ऐसे में महिलाओं ने इन समस्याओं से निजात पाने की उम्मीद ही छोड़ दी थी।
इस बीच, भारत सरकार ने ग्रामीण और वंचित परिवारों को एलपीजी जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन उपलब्ध कराने के लिए मई 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) प्रारम्भ किया। इस पहल ने कई पीढ़ियों से रसोईघर में परेशानियां झेल रहीं गृहणियों के धुआँ मुक्त रसोई के सपने को साकार किया।
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