दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा को करारी शिकस्त देते हुए आम आदमी पार्टी के एक बार फिर से प्रचंड जीत हासिल करने पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि ये नतीजे देश में ‘बदलाव के मूड’ के प्रतीक हैं। साथ ही, उन्होंने भगवा दल को सत्ता से बाहर रखने के लिए राज्यों में क्षेत्रीय दलों के एकजुट होने की जरूरत पर जोर दिया। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में 62 पर जीत दर्ज की है।
भाजपा ने आठ सीटों पर जीत हासिल की है। हालांकि, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया है। पवार ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि दिल्ली चुनाव के नतीजों ने संकेत दिया है कि देश में ‘बदलाव की हवा’ बह रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का नतीजा सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न राज्यों के लोग रहते हैं। उनके अपने राज्यों में भी बदलाव का माहौल है जो उन्होंने दिल्ली में मतदान के दौरान प्रकट किया।’’पवार ने कहा कि क्षेत्रीय दलों या विकल्पों (भाजपा के) अपने-अपने राज्यों में मजबूत होने का रुझान है।
उन्होंने क्षेत्रीय दलों के एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम के तहत एकजुट होने और भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए एक स्थिर सरकार मुहैया करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘केरल में वाम पार्टी है … महाराष्ट्र में हमने कुछ प्रयोग किया। इसका मतलब है कि आगे बढ़ने के लिए सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम पर एकसाथ आने की आवश्यकता है और मुझे यकीन है कि लोग इसका समर्थन करेंगे।’’ पवार ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों के बीच यह भावना है
कि भाजपा देश के लिए “आपदा” की तरह है और एकजुट होकर खड़े रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार हम कोलकाता में एकसाथ आए थे और अपना रुख सामने रखा था। आज लोगों को हमसे उम्मीदें हैं और एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम के साथ आने की जरूरत है।’’ पवार का परोक्ष तौर पर इशारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा आयोजित विपक्षी दलों की उस रैली की ओर था जो उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी 2019 में कोलकाता में आहूत की थी।