जिम्बाब्वे की संसद के स्पीकर एडवोकेट जैकब फ्रांसिस न्ज्विदामिलिमो मुडेंडा के नेतृत्व में जिम्बाब्वे के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
राष्ट्रपति भवन में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और जिम्बाब्वे के बीच के संबंध सदियों पुराने हैं। जिम्बाब्वे में भारतीय मूल के लगभग 9000 लोगों की उपस्थिति, हमारे लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जिम्बाब्वे के साथ भारत के आर्थिक संबंध अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं। भारत और जिम्बाब्वे के बीच लगभग 200 मिलियन डॉलर का व्यापार है। भारतीय कंपनियों ने जिम्बाब्वे में लगभग 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
भारत ने जिम्बाब्वे को पांच ऋण सुविधाएँ (लाइन ऑफ क्रेडिट) प्रदान कीं हैं और एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया है। उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि भारत की आईटीईसी और आईसीसीआर छात्रवृत्तियां, जिम्बाब्वे के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए और प्रयास करने चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि संसद लोगों की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करती है। हमारी दोनों संसदों के बीच और अधिक संवाद और विचारों का आदान-प्रदान होना चाहिए। हमें एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमारा मजबूत और जीवंत लोकतंत्र जमीनी स्तर से शुरू होता है। यह वास्तव में इस देश के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल को भारत की लोकतांत्रिक प्रणालियों के बारे में और जानकारियां प्राप्त होंगी।