राजस्थान के पाली जिले में स्थित ‘बुलेट मंदिर’
सड़क हादसों से लोगों को सावधान करता है- स्थानीय निवासियों का दावा
जी हां, हम बात कर रहे हैं, राजस्थान के पाली जिले के पास स्थित एक बुलेट मंदिर की जो स्थानीय लोगों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाए हुए है। दरअसल इस बुलेट मंदिर की कहानी पाली के एक नजदीकी गांव में रहने वाले ओम सिंह राठोर से जुड़ी है जिनकी एक सड़क हादसे के दौरान मौत हो गई थी। ओम राठोर रात के समय शहर से अपने गांव वापस लौट रहे थे, तभी उनकी बाइक का एक्सीडेंट हो गया।
बुलेट मंदिर में बसती है ओम राठोर की आत्मा
पाली में रहने वाले लोगों से इस मंदिर के बारे में बात करो तो वो एक ही बात को दोहराते हैं। उनका कहना है कि ये बुलेट ओम राठोर की है और इसमें उनकी आत्मा बसती है।
कुछ यूं शुरु हुई बुलेट मंदिर की कहानी
करीब 30 साल पहले रात के समय ओम राठोर की सड़क हादसे में मौत हो गई थी जिसके बाद जब स्थानीय पुलिस दुर्घटना स्थल पर पहुंची तो उन्होंने बाइक को जब्त कर लिया और उसे पुलिस स्टेशन ले गए।
लेकिन अगली सुबह बाइक पुलिस स्टेशन से गायब थी, और जब बाइक की तालाश की गई तो वो घटना स्थल पर मिली। जिसके बाद पुलिस द्वारा बाइक को वापस जब्त कर लिया गया और उसे फिर से स्टेशन ले आया गया, पर अगली सुबह बाइक वापस घटना स्थल से बरामत की गई।
तीन- चार दिन लगातार ऐसी घटना के बाद स्थानीय लोगों में ये धारणा बन गई कि बाइक में ओम राठोर की आत्मा ने वास कर लिया है जिसके बाद बाइक को घटना स्थल पर ही छोड़ दिया गया और स्थानीय लोग उस बाइक की पूजा करने लगे।धीरे-धीरे ओम राठोर की बाइक को मंदिर का रुप दे दिया गया और आस-पास के लोग उसकी पूजा करने लगे।
यूं मिला बाइक को मंदिर का दर्जा
स्थानीय लोगों के अनुसार उन्हें रात के समय कई बार उस बुलेट के शुरु होने का अहसास हुआ है। लोगों की मानें तो ओम राठोर की बुलेट रात को मंदिर के आस-पास से गुजरने वाले वाहनों, बाइकों और लोगों को हेडलाइट दिखाकर उन्हें सर्तक करती रहती है। जब इलाके के कई लोगों को इस बात का आभास हुआ, तो लोगों ने इसे मंदिर की तरह पूजना शुरु कर दिया।
फूल मालाओं से की गई बाइक की सजावट
लोगों ने बाइक को बिल्कुल मंदिर की तरह सजाया है। आपको बाइक पे फूल की माला, लाल धागे नजर आएंगे। ये धागे लोगों द्वारा मांगी गई मान्याताओं का प्रतीक हैं।
सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करता है ये मंदिर
स्थानीय निवासियों की मानें तो इस मंदिर में मदिरा का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। लोगों का कहना है कि जो भी मनोकामना इस मंदिर में मांगों वो अवश्य पूर्ण होती है।