कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में महंगाई का प्रेशर बढ़ा हुआ है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की बात करें तो हालिया में राजनीतिक संकट के नरम होने और सत्ता में बदलाव हो जाने के बाद भी हालात हालात बत से बत्तर बने हुए हैं। एक तरफ पाकिस्तान की आर्थिक सेहत पतली हो चुकी है तो दूसरी ओर आम लोगों के ऊपर एक और महंगाई बम फोड़ने की तैयारी चल रही है। अगर संबंधित प्रस्तव पर मंजूरी मिल जाती है तो पाकिस्तान में एक झटके में डीजल-पेट्रोल के भाव डबल हो जाने वाले हैं।
आपको बता दे कि पड़ोसी देश में तेल व गैस की कीमतों को रेगुलेट करने वाली संस्था Oil and Gas Regulatory Authority ने शनिवार से डीजल-पेट्रोल के भाव बढ़ाने की सिफारिश की है। ओजीआरए का प्रस्ताव है कि पेट्रोल के भाव को 83.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम को प्रति लीटर 119 रुपये बढ़ाया जाना चाहिए। आपको बता दे कि ओजीआरए आम तौर पर दो तरह की सिफारिश करता है। पहली सिफारिश में ग्राहकों पर कर का पूरा बोझ डालने की सूरत में की जाने वाली बढ़ोतरी की बात होती है। दूसरी सिफारिश ग्राहकों पर आंशिक तौर पर बोझ डालने की बात होती है, जिसमें Prevalent टैक्स के आधार पर दाम में बढ़ोतरी का प्रस्ताव होता है। इस आधार पर ओजीआरए ने पेट्रोल के दाम में 21 रुपये लीटर और डीजल के दाम में 51 रुपये लीटर की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है।
लेकिन सूत्रों से एक और खबर सामने आ रही है कि नई सरकार एक गंभीर स्थिति में होगी और जनता का समर्थन हासिल करने के लिए कीमतों में वृद्धि नहीं करने का विकल्प चुन सकती है। अधिकारियों ने कहा कि पिछली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने मार्च के मध्य से पेट्रोलियम की कीमतों को बरकरार रखा था, जिसने अप्रैल के पहले दो सप्ताह के लिए पेट्रोलियम उत्पादों के सब्सिडी बिल को 30 अरब रुपये तक बढ़ा दिया था।
हालाँकि, तेल की कीमतों को अपरिवर्तित रखने के निर्णय का कोई कानूनी कवर नहीं था क्योंकि इसे आधिकारिक रूप से अनुमोदित नहीं किया गया था। अगर मौजूदा सरकार इस नीति को जारी रखने का फैसला करती है, तो उसे 16 से 30 अप्रैल तक सब्सिडी में 30 अरब रुपये और देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कुल मिलाकर, तेल की कीमतों को बरकरार रखने के लिए उसे 60 अरब रुपये का बोझ उठाना पड़ेगा। अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप पेट्रोलियम की कीमतों में 5.54 रुपये प्रति लीटर या 3.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दिनों डॉलर का औसत मूल्य 182.15 रुपये से बढ़कर 188.15 रुपये हो गया।