
उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा इस वर्ष नए कीर्तिमान रच रही है। बाबा केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने अब तक का सभी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार तक यहां दर्शन करने पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या 16.56 लाख के पार पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 16.52 लाख पर था। बारिश, बर्फबारी और विपरीत मौसम परिस्थितियों के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ।
राज्य सरकार और प्रशासन के प्रयासों से यात्रा सुचारु रूप से जारी है। बाबा केदार के कपाट इस बार भैयादूज (23 अक्तूबर) को शीतकालीन अवकाश के लिए बंद होंगे। यानी यात्रा अभी 15 दिन और जारी रहेगी, जिसके दौरान लाखों श्रद्धालुओं के और पहुंचने की संभावना है। बुधवार को ही 5614 तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए।
मौसम की कठिनाइयों के बावजूद भक्तों की आस्था अडिग रही। मानसून के दौरान अतिवृष्टि, बादल फटना और भूस्खलन जैसी घटनाओं के कारण यात्रा कुछ समय के लिए बाधित रही, लेकिन जैसे ही मौसम सामान्य हुआ, श्रद्धालुओं का सैलाब एक बार फिर पहाड़ों की ओर उमड़ पड़ा। प्रशासनिक और राहत टीमों ने युद्धस्तर पर बहाली कार्य कर मार्गों को फिर से खोल दिया। राहत की बात यह है कि अब तक यात्रा के दौरान किसी बड़ी दुर्घटना की खबर नहीं आई है।
चारधाम यात्रा का शुभारंभ इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुआ था। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। सरकार ने सुरक्षा, यातायात और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ रखने के लिए विशेष तैयारियां की थीं। भूस्खलन प्रभावित इलाकों में जेसीबी मशीनें, एसडीआरएफ टीमें और पुलिस बल लगातार तैनात हैं ताकि मार्गों की सफाई और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
केदारनाथ के साथ-साथ बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भी श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार द्वारा किए गए सुव्यवस्थित प्रबंधन, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और बेहतर यातायात व्यवस्था के कारण यात्रियों को इस बार विशेष सुविधा मिल रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा की स्थिति की लगातार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहे। उन्होंने कहा,
“यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। मौसम खराब होने की स्थिति में यात्रियों को समय से सचेत किया जाए और सभी अधिकारी अलर्ट मोड पर रहें।”
प्रशासन की ओर से यात्रियों को यह भी सलाह दी जा रही है कि वे मौसम की स्थिति पर नजर रखें और खराब मौसम में यात्रा से बचें।
केदारनाथ में इस वर्ष की भारी भीड़ को लेकर स्थानीय लोगों में भी उत्साह है। दुकानदारों और होटल संचालकों का कहना है कि “बाबा केदार की कृपा और श्रद्धालुओं की आस्था” ने इस बार यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया है। यह रिकॉर्ड दर्शाता है कि प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद आस्था की शक्ति अडिग और अजेय है।