भूकंप से पहले अब मिलेगा अलर्ट, उत्तराखंड सरकार ने लॉन्च किया ‘भूदेव’ ऐप

भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड अब भूकंप से पहले ही सतर्कता की दिशा में एक बड़ा कदम उठा चुका है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने एक इनोवेटिव मोबाइल ऐप ‘भूदेव’ लॉन्च किया है

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भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड अब भूकंप से पहले ही सतर्कता की दिशा में एक बड़ा कदम उठा चुका है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने एक इनोवेटिव मोबाइल ऐप ‘भूदेव’ लॉन्च किया है, जो 5 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप से पहले ही चेतावनी (अर्ली वार्निंग) जारी कर देगा। यह जानकारी आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने दी।

सुमन ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां इस तरह की अग्रिम भूकंप चेतावनी प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। इस अत्याधुनिक सिस्टम को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) और आईआईटी रुड़की के सहयोग से तैयार किया गया है। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी।

कैसे काम करेगा भूदेव ऐप?

‘भूदेव’ ऐप को स्मार्टफोन में डाउनलोड कर जैसे ही भूकंप के झटकों की तीव्रता 5 या उससे अधिक होगी, ऐप यूजर को तुरंत अलर्ट मैसेज और चेतावनी जारी करेगा। इससे लोग पहले से सतर्क होकर खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जा सकेंगे।

विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य में अब तक 177 सेंसर और 192 सायरन लगाए जा चुके हैं। इस सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए 500 नए सेंसर और 1000 अतिरिक्त सायरन लगाने का काम भी तेज़ी से किया जा रहा है। ये सेंसर झटकों को तुरंत पकड़ेंगे और सायरन के जरिए आसपास के क्षेत्रों में लोगों को सचेत किया जाएगा।

राज्य सरकार ने भूकंप के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सहयोग से सभी जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों में मॉक ड्रिल आयोजित करने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य लोगों को आपदा के समय सही प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करना है।
उत्तराखंड भूकंप के जोन-4 और जोन-5 में आता है, जो कि बेहद संवेदनशील क्षेत्र हैं। ऐसे में यह सिस्टम न केवल लोगों को अग्रिम चेतावनी देगा बल्कि राहत और बचाव कार्यों को समय पर और प्रभावी ढंग से संचालित करने में भी मदद करेगा।

राज्य सरकार की अपील

सचिव सुमन ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे ‘भूदेव’ ऐप को अवश्य डाउनलोड करें, और सरकार की इस जीवनरक्षक तकनीक का लाभ उठाएं। सरकार इस प्रणाली को लगातार मजबूत और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि राज्य को भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से अधिकतम सुरक्षित रखा जा सके।