सरकार ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस की मार झेल रहे चीन से माल की आपूर्ति गड़बड़ाने की स्थिति में समय पर दायित्वों को पूरा नहीं कर पाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। वित्त मंत्रालय द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया है कि चीन में विषाणु के फैलने से आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव को प्राकृतिक आपदा माना जाये जिसके तहत सरकारी ठेकेदारों को राहत प्रदान की जाती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आपूर्ति श्रंखला गड़बड़ाने के मामले को लेकर उद्योग प्रतिनिधियों और
अन्य के साथ विचार विमर्श किया था। इस दौरान कई उद्योगों की तरफ से चीन से शिपमेंट पहुंचने में देरी का मुद्दा उठाया गया था। बैठक में आग्रह किया गया कि चीन से आने वाले माल की आपूर्ति बाधित होने के परिणामस्वरूप सरकारी अनुबंधों को पूरा करने में होने वाली देरी को ‘‘प्राकृतिक आपदा’’ माना जाना चाहिये। सरकार के इस तरह का प्रावधान करने से सरकारी अनुबंध पर काम करने वाली कंपनियों को जुर्माने से बचाया जा
सकेगा और साथ ही उसके दूसरे नकारात्मक प्रभावों से भी बचाया जा सकेगा। इसमें कई ठेकेदार माल की आपूर्ति के लिये प्रभावित इलाकों पर निर्भर हैं। उद्योग प्रतिनिधियों की तरफ से इस तरह का आग्रह सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों के सचिवों को एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से होने वाली देरी अथवा गडबड़ी को अप्रत्याशित घटना माना जाना चाहिये। इससे प्रभावित कंपनियों को राहत दी जा सकेगी।