भारत तेजी से आर्थिक विकास की गति प्राप्त करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा और कम कार्बन मार्ग के लिए प्रतिबद्ध है। हाइड्रोजन ऊर्जा रणनीति का एक प्रमुख तत्व है और यह निम्न कार्बन ऊर्जा पथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन सड़क परिवहन सहित कई क्षेत्रों को कार्बन मुक्त करने के विशाल अवसर प्रदान करता है और यह विश्व स्तर पर अभूतपूर्व गति प्राप्त कर रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन द्वारा संचालित परिवहन भविष्य का एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकल्प होने जा रहा है, विशेष रूप से बड़ी कारों, बसों, ट्रकों, जहाजों और ट्रेनों में और मध्यम से लंबी दूरी के लिए यह सबसे उपयुक्त है।
ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना से जोड़ने और जीवाश्म ईंधन से ऊर्जा तैयार करने के लिए अनेक मार्गों को अपनाकर निरंतरता को बढ़ावा देने और हमारे पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड प्रतिबद्धता ने इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) के साथ मिलकर दुनिया के सबसे उन्नत ईंधन बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) टोयोटा मिराई का अध्ययन और मूल्यांकन करने के लिए एक पायलट परियोजना चलाई है, जो भारतीय सड़कों और जलवायु परिस्थितियों पर हाइड्रोजन पर चल रही है। यह देश में अपनी तरह की पहली परियोजना होगी जिसका उद्देश्य हाइड्रोजन, एफसीईवी प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूकता फैलाना और भारत में हाइड्रोजन आधारित सोसायटी की सहायता के लिए इसके लाभों का प्रसार करना है। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 16 मार्च, 2022 को नई दिल्ली में 14:00 बजे से इस पायलट परियोजना का उद्घाटन करेंगे और टोयोटा मिराई एफसीईवी का प्रदर्शन भी करेंगे।