उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की नई पहल, मुख्यमंत्री ने ‘महिला सारथी’ योजना की शुरुआत की

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देहरादून में शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने आईआरडीटी सभागार से ‘महिला सारथी’ (पायलट प्रोजेक्ट) के तहत महिला चालकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस योजना के तहत प्रदेश की महिलाएं ड्राइवर के रूप में कार्य कर सकेंगी, जिससे उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और यह योजना उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

इससे पहले स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें महिला उद्यमियों ने अपने व्यवसाय को बढ़ाने में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान कई महिलाओं ने अपने सफलता की कहानियां साझा कीं, जिन्होंने छोटे स्तर पर व्यापार शुरू कर उसे बड़े स्तर तक पहुंचाया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया, जिनमें रेशमा शाह, भारती, अंजना रावत, बीना, रेखा पांडे, ममता और सरिता पंवार जैसी कई महिलाएं शामिल रहीं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा, राजनीति, खेल, विज्ञान, सेना और उद्योग जैसे हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़कर देश का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की महिलाओं में विशेष आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता है, जिसके बल पर वे खुद को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर समाज और परिवार को सशक्त कर रही हैं। उन्होंने इस मौके पर समान नागरिक संहिता (UCC) का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां इसे लागू किया गया है और इसमें महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे महिला उत्थान कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि बीते 11 वर्षों में 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के जन-धन खाते खोले गए हैं, 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं और ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत एक करोड़ से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य किया जा रहा है। मुद्रा योजना के अंतर्गत 30 करोड़ से अधिक महिलाओं को लोन देकर आत्मनिर्भर बनाया गया है।

राज्य में महिलाओं के उत्थान के लिए नंदा गौरा योजना के तहत बालिकाओं के जन्म पर 11 हजार रुपये और 12वीं पास करने पर 51 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से देश-विदेश तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी बहनों द्वारा बनाए गए उत्पाद आज मल्टीनेशनल कंपनियों को भी टक्कर दे रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि महिला सारथी योजना प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट की प्रगति को 6 महीने तक देखा जाएगा, जिसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना है। इस योजना के लिए वाहनों की व्यवस्था चेंबर ऑफ बिजनेस एंड एंटरप्रेन्योर काउंसिल द्वारा की गई है और शुरुआत में एक सप्ताह तक मुफ्त राइड की सुविधा दी जा रही है। भविष्य में इस योजना के विस्तार के लिए प्रशिक्षित महिलाओं को आसान शर्तों पर लोन देकर वाहनों की खरीद के लिए सहायता दी जाएगी।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्य सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।