नई दिल्ली। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण देश में गणेश उत्सव बिना जुलूस, रैली और धूमधाम के मनाया जा रहा है।
वहीं अब श्रद्धालुओं को नवरात्र का इंतजार है, जो हर साल पितृ पक्ष के समापन के अगले दिन से शुरू हो जाते हैं।
इसी के साथ पूरे नौ दिनों तक नवरात्र की पूजा होती है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। इस बार श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही अधिकमास लग जाएगा, ऐसे में नवरात्र और पितृपक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ जाएगा।
इसका सीधा मतलब ये कि इस बार नवरात्रि 20-25 दिन आगे खिसक जाएंगे। ज्योतिष के कारण लीप वर्ष होने के कारण ऐसा हो रहा है।
इसलिए इस बार चातुर्मास जो हमेशा चार महीने का होता है, इस बार पांच महीने का होगा।
ज्योतिष की मानें तो ऐसा 165 साल बाद होने जा रहा है, जब श्राद्ध पक्ष के एक महीने के अंतर पर दुर्गा पूजा आरंभ होगी।
उज्जैन महाकाल मंदिर के संरक्षण के लिए SC ने जारी किए कई निर्देश: देखें ये रिपोर्ट
नवरात्र प्रारंभ
ज्योतिषाचाय के अनुसार, इस साल 17 सितंबर 2020 को श्राद्ध खत्म होंगे। इसके अगले दिन अधिकमास शुरू होगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा।
इसके बाद 17 अक्टूबर, शनिवार से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे और 24 अक्टूबर को राम नवमी मनाई जाएगी।
सौहार्द और सद्भावना का पर्व है क्षमावाणी: श्री पुनीत चैतन्यमति माताजी
शुभ कार्यों का आरंभ
पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन माह का अधिकमास होगा। यानी दो आश्विन मास होंगे। आश्विन मास में श्राद्ध और नवरात्रि, दशहरा जैसे त्योहार होते हैं।
अधिकमास लगने के कारण इस बार 26 अक्टूबर को दशहरा और 14 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। इसके बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी।
जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होंगे। इसके बाद ही शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि शुरू होंगे।