शामली में 3 नाबालिग बच्चे कोविड के कारण अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद राज्य सरकार से मदद मांगी, तो योगी सरकार के आदेश का अनुपालन करते हुए शामली की ज़िलाधिकारी ने तुरंत बच्चों की अच्छी परवरिश और पढ़ने-लिखने की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाने के इंतजाम शुरु कर दिए। तीनों अनाथ बच्चों के लिए भरण पोषण, उनकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा प्रशासन उठाएगा।
आपको बता दें कि कोरोना काल में बच्चों के अनाथ होने की स्थिती में यूपी सकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारंभ की है, जिसके तहत ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे, तो उन्हें अथवा विधिक अभिभावक को खो दिया हो और जो अनाथ हो गए हों उनकी राज्य सरकार द्वारा समुचित देखभाल की जा रही है।
अनाथ बच्चों को जीवन में उन्नति के सभी अवसर उपलब्ध हो सकें, इसके लिए योगी सरकार सभी जरूरी प्रबन्ध करने में जुटी है।
इस योजना के अनुसार बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
दस वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जा रही है। मथुरा, लखनऊ प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर समेत प्रत्येक इलाके में बालगृह या तो पहले से चालू हैं या फिर उन्हें बनाया जा रहा है।
योगी सरकार के नेतृत्व में चली योजना का तुरंत अनुपालन कर बच्चों को तात्कालिक लाभ देकर शामली की जिलाधिकारी जसजीत कौर के इस प्रयास की बेहद सराहना हो रही है।