दिल्ली। हाई-स्पीड वंदे भारत पैसेंजर ट्रेनों की फास्ट-ट्रैकिंग के बाद, भारतीय रेलवे हाई-स्पीड मालगाड़ी ट्रेनों को शुरू करने के लिए उसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में प्रोटोटाइप बनाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक लक्ष्य 25 ऐसी ट्रेनों को लॉन्च करना है। उन 16-कार ट्रेनों में से प्रत्येक की 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ लगभग 60 करोड़ खर्च होने का अनुमान है, जो 45 वैगनों वाली सामान्य मालगाड़ी से तीन गुना अधिक है।
भारत में मौजूदा कार्गो ट्रेनें 75 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलती हैं। ऐसे में इन रेक्स की बढ़ी हुई गति राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर को अपनी माल बाजार हिस्सेदारी 28% से बढ़ाने में मदद कर सकती है। अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने 2030 तक माल ढुलाई में 40% हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है।
दिसंबर में इन ट्रेनों के तैयार होने की उम्मीद
न्यू-डिजाइन फ्रेट वंदे भारत का प्रोटोटाइप- फ्रेट ईएमयू (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट्स) के दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद है, जिसके बाद ट्रांसपोर्टर हर महीने एक ऐसी ट्रेन शुरू करने की योजना बना रहा है। उन सभी नई ट्रेनों को रेलवे के सबसे व्यस्त मार्गों पर तैनात किए जाने की संभावना है। मुख्य रूप से ई-कॉमर्स कंपनियों के पार्सल ले जाने के लिए व्यवसाय होगा, जिस पर वर्तमान में रोडवेज का एकाधिकार है। अधिकारी ने कहा कि इस नई श्रृंखला का नाम ‘फ्रेट मेट्रोज’ रखा जा सकता है, हालांकि अभी नाम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
एयर कार्गो वाहकों को भी मिलेगी चुनौती
अधिकारी ने बताया, “नई मालगाड़ियां मेट्रो और अन्य बड़े शहरों को जोड़ने वाले रेलवे के सबसे आकर्षक मार्गों पर तय समय पर चलेंगी। हमारा लक्ष्य अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के पार्सल ले जाना होगा। यह सड़क वाहकों की तुलना में लगभग 2.5 गुना तेज होगा। कुछ क्षेत्रों में तो हम एयर कार्गो वाहक के साथ भी प्रतिस्पर्धा करेंगे।”