विदेश से लौटने के बाद विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए लीगल ऐक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने आरोपों की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही क्यों ऐसी बात उठी है। अकबर ने कहा कि मेरे खिलाफ लगे आरोप झूठे और मनगढंत हैं। उन्होंने कहा कि वह आधिकारिक दौरे पर विदेश में होने की वजह से आरोपों पर पहले जवाब नहीं
विदेश राज्यमंत्री अकबर ने अपने विस्तृत बयान में कहा कि वह खुद के खिलाफ सेक्शुअल असॉल्ट के झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, ‘कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है। अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके लिए मेरे वकील इन निराधार आरोपों को देखेंगे।’
Accusation without evidence has become a viral fever among some sections. Whatever be the case, now that I have returned, my lawyers will look into these wild and baseless allegations in order to decide our future course of legal action: #MJAkbar (file pic) pic.twitter.com/AVrkfSVA87
— ANI (@ANI) 14 October 2018
पूर्व संपादक से केंद्रीय मंत्री बने एम. जे. अकबर ने कहा, ‘आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही यह तूफान क्यों उठा? क्या इसमें कोई अजेंडा है? आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। ये झूठे, निराधार और क्रूर आरोप हैं, जिससे मेरी प्रतिष्ठा को अपूर्णीय क्षति हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन वे जहर बुझे होते हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘प्रिया रमानी ने इस कैंपेन को साल भर पहले एक मैगजीन में आर्टिकल लिखकर शुरू किया। उन्होंने मेरा नाम तक नहीं लिया क्योंकि वह जानती हैं कि यह एक झूठी कहानी है। जब उनसे हाल में पूछा गया तो उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया। उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में लिखा- उनका नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया था।’
Why has this storm risen a few months before a general election? Is there an agenda? You be the judge. These false, baseless and wild allegations have caused irreparable damage to my reputation and goodwill: #MJAkbar (file pic) pic.twitter.com/nMfx58QUjg
— ANI (@ANI) 14 October 2018
अकबर ने अपने बयान में आगे कहा, ‘अगर मैंने कुछ नहीं किया था तो फिर यह स्टोरी क्या है, कहां है? कोई स्टोरी ही नहीं है। लेकिन एक ऐसी चीज जो कभी हुई ही नहीं, उसके इर्द-गिर्द अटकलों, संकेतों और आक्षेपों का वातावरण तैयार कर दिया गया। इनमें से कुछ तो पूरी तरह सुनी-सुनाई बातें हैं और कुछ एकदम स्पष्ट हैं, ऑन रेकॉर्ड हैं कि मैंने कुछ नहीं किया था।’
इसी तरह अन्य आरोपों पर अकबर ने कहा, ‘शुतापा पॉल कहती हैं- उस आदमी ने मुझ पर कभी भी हाथ नहीं रखा। शुमा राहा कहती हैं- मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि वास्तव में उन्होंने कुछ नहीं किया था। एक और महिला अंजु भारती इस हद तक पहुंच गईं कि दावा किया कि मैं एक स्विमिंग पूल में पार्टी कर रहा था। मैं यह तक नहीं जानता कि तैरते कैसे हैं।’
अकबर ने कहा कि गजाला वहाब की तरफ से भी लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं, जो उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की कोशिश है। उन्होंने वहाब के आरोपों को भी झूठा, निराधार और मनगढंत बताया। एम. जे. अकबर ने कहा कि रमानी और वहाब इन कथित घटनाओं के बाद भी मेरे साथ काम किया, जिससे साफ होता है कि उन्हें मेरे साथ काम करने को कोई दिक्कत या चिंता वाली बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले दशकों तक शांत रहे क्योंकि रमानी ने खुद ही कहा है कि मैंने उनके साथ कुछ नहीं किया।
बता दें कि एम. जे. अकबर पर कम से कम 12 महिलाओं ने अनुचित व्यवहार या यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। ये कथित घटनाएं तबकी हैं जब अकबर पत्रकार थे और संपादक हुआ करते थे। विपक्ष इन आरोपों की निष्पक्ष जांच और अकबर के इस्तीफे की मांग कर रहा है।