बुधवार शाम को अलीपुर के मुखमेलपुर स्थित प्राइमरी स्कूल के सेफ्टी टैंक में एक नर कंकाल मिला था। जिसको एक मजदूर ने काम करते हुए देखा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कंकाल को कब्जे में लिया था। वही अब एक हैरान करने वाली बात सामने आयी है। बता दे कि, मुखमेलपुर इलाके में ही रहने वाली शकिला नामक महिला का परिवार सामने आया। जिसने कंकाल के पास पड़ी क्रीम कलर की पैंट देखकर अपना बेटा जावेद उर्फ जैवी होने का दावा किया। जिसके बाद पुलिस भी हैरान रह गई थी। पुलिस ने कंकाल को डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया है।
जावेद, मुखमेल आदर्श नगर स्थित एक स्कूल में पढ़ाई करता था। 18 साल पहले 22 जून 2000 की शाम को वह कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल पड़ोस की ही दुकान में देने अकेला गया था। जिसके बाद वह कभी भी वापिस नहीं लौटा था। परिवार वालों ने उसको ढूंढने की काफी कोशिश की थी। अलीपुर थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करा दी थी।
पुलिस वालों ने शुरुआत से ही उनको कहा था कि किसी पर शक हो तो बताना, लेकिन पुलिस ने मामले को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया था। जबकि परिवार वालों का कहना है कि पुलिस वालों को कई अहम सबूत दिए थे। परिवार वालों ने बताया कि जावेद को अभी वो तलाश ही कर रहे थे कि जींद गांव में रहने वाले रिश्ते में लगने वाले चाचा के लैंडलाइन पर अपहरणकर्ताओं ने फोन किया था। जिन्होंने बताया था कि जावेद उनके कब्जे में है।परिवार वालों ने बताया कि इलाके में बिजेन्द्र नामक दर्जी है। जिसने जावेद की पैंट बनाई थी। बिजेन्द्र पैंट में कोई स्टीकर नहीं लगाया करता था। जो पैंट कंकाल के पास से मिली है। उसमें भी कोई स्टीकर नहीं है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से मुखमैलपुर का एक परिवार कंकाल जावेद का होने का शक जाहिर कर रहा है। कंकाल को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि कंकाल किस का है। इसके अलावा पुलिस टीम आसपास के थानों के भी संपर्क में है। जहां से बच्चे गायब हुए थे। साथ ही स्कूल प्रशासन से भी संपर्क किया जा रहा है कि कब से सैफ्टी टेंक को खोला नहीं गया था।
इस बारे में पुलिस उसका डीएनए टेस्ट करा रही है। 18 साल 4 महीने बाद एक बार फिर धूल लगी उस फाइल को भी खंगालने की कोशिश की जा रही है। जिस केस को उन्होंने थोड़ी सी जांच के बाद बंद कर दिया था। जिसमें ना तो बच्चा मिला था और न ही अपहरणकर्ता ही पकड़े गए थे।