शाह ने कांग्रेस को सुनाई खरी-खोटी, कहा “ये लोग हमें लोकतंत्र सिखाएंगे”

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लोकसभा में शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि ‘वे कह रहे हैं कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं। इस समय से पहले, अब तक यहां 132 बार अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) लगाया गया है, इनमें से 93 बार यह कांग्रेस ने किया है। अब ये लोग हमें लोकतंत्र सिखाएंगे।’ शाह की इस बात से लोकसभा में विपक्षी दलो ने हंगामा मचा दिया है।

नेहरु ने पाकिस्तान को दिया कश्मीर

शाह ने लोकसभा में जवाहर लाल नेहरु पर आरोप लगाते हुए कहा है कि किसने कश्मीर में सीजफायर का फैसला लिया? ये जवाहर लाल नेहरू ने किया और कश्मीर का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया। आप कहते हैं कि हम लोगों को विश्वास में नहीं लेते हैं, लेकिन नेहरू जी ने उस समय के गृहमंत्री को भरोसे में लिए बिना ये फैसला लिया। इसलिए मनीष जी (मनीष तिवारी) हमें इतिहास मत समझाइए। 

कांग्रेस की वजह से गंवाया कश्मीर

अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरु का जिक्र करते हुए कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर का फैसला किया। भारत ने एक तिहाई कश्मीर कांग्रेस के कारण गंवाया। कांग्रेस की गलतियों से हजारों लोग मारे गए। पिछली सरकारों ने राष्ट्रविरोधी तत्वों का बचाव किया। अब ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

क्यों नहीं किया गया जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित?

एक बार फिर शाह ने लोकसभा में विपक्षी दलों से सवाल किया कि गृहमंत्री ने विपक्षी पारजमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया था? आप किसे खुश करना चाहते थे? वो भाजपा सरकार थी जिसने जमात-ए-इस्लामी को प्रतिबंधित किया। जेकेएलएफ (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) पर प्रतिबंध किसने लगाया? ये काम भी भाजपा ने किया था।’

 कांग्रेस की वजह से शेख अब्दुल्ला बने राष्ट्रपति

शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 1931 में शेख अब्दुल्ला की अध्यक्षता में मुस्लिम कॉन्फ्रेंस की स्थापना हुई थी, लंबे समय तक कांग्रेस ने यहां अपनी इकाई की शुरुआत नहीं की और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस का समर्थन किया। कांग्रेस ने अपने सभी अंडे अब्दुल्ला की टोकरी में रखे लेकिन अब्दुल्ला टोकरी लेकर भाग गए, जिसका परिणाम यह निकला कि शेख अब्दुल्ला वहां के राष्ट्रपति बन गए।

यहां तक कि शाह ने सन् 1953 की घटना पर सवाल करते हुए कहा ‘कि जब साल 1953  में जब एसपी मुखर्जी एक देश में दो प्रधानमंत्री होने के नियम के खिलाफ विरोध करने कश्मीर गए थे तो उन्हें जेल में डाल दिया गया था। उनकी मौत की भी जांच नहीं की गई क्यो? क्या वह एक वरिष्ठ विपक्षी नेता नहीं थे? क्या वह बंगाल के एक नेता नहीं थे, केंद्रीय मंत्री नहीं थे?’।

भाजपा ने आतंक के खिलाफ अपनाई नीति

गृहमंत्री अमित शाह ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है और मैं विश्वस्त हूं कि हम अपने नागरिकों के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। 

written by Rishabh Bajpai