राज्यसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस को लताड़ा , एक एक कर बताया, अगर कांग्रेस न होती तो देश का हाल कैसा रहता

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पीएम नरेंद्र मोदी राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब दिया है. कल लोकसभा में कांग्रेस को घेरने के बाद एक बार फिर उनके निशाने पर देश की सबसे पुरानी पार्टी है. इस बार पीएम मोदी का हमला ज्यादा तीखा रहा है. उन्होंने तंज वाले अंदाज में पूरे देश को बता दिया है कि अगर कांग्रेस नहीं होती तो देश का हाल कैसा रहता। 

राज्यसभा में प्रधानमंत्री अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, देश का रूप अलग ही होता. उन्होंने बोला कि अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता, भारत विदेशी चश्मे के बजाए स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता, अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता।

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अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी न होती, अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती,अगर कांग्रेस न होती तो देश के सामान्य मानवी को मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार न करना पड़ता।

कांग्रेस की परेशानी ये है कि उन्होंने डायनेस्टी के आगे कुछ सोचा ही नहीं। भारत को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों का है। मैं चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को अपने दलों में भी विकसित करें।  हमारी सोच कांग्रेस की तरह संकीर्ण नहीं है, हम संकीर्ण सोच के साथ काम करने वाले लोग नहीं हैं। जिनको दशकों तक सरकार चलाने का मौका मिला उन्होंने लगभग 100 बार राष्ट्रपति शासन लाकर चुनी हुई राज्य सरकारों को उखाड़कर फेंक दिया।

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उन्होंने आगे कहा कि अगर कांग्रेस ना होती तो सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता, अगर कांग्रेस ना होती तो दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता, अगर कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती. अब पीएम मोदी ने इतना बड़ा हमला तो किया लेकिन शुरुआत में इतना जरूर कह दिया कि महात्मा गांधी भी कांग्रेस नहीं चाहते थे. उन्हें भी इन सभी बातों की चिंता थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कुछ लोग ये ही मानते हैं कि हिन्दुस्तान 1947 में पैदा हुआ और भारत में पिछले 75 सालों में जिसको 50 साल काम करने का मौका मिला उनकी नीतियों पर भी इस मानसिकता का प्रभाव रहा जिससे कई विकृतियां पैदा हुई हैं। ये लोकतंत्र आपकी मेहरबानी से नहीं है।

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पीएम मोदी राज्यसभा में अन्य डालो पर भी जमकर बरसे  और कहा की कुछ दल के बड़े नेताओं ने पिछले दो साल में जो अपरिपक्वता दिखाई है उससे देश को बहुत निराशा हुई है। हमने देखा कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ में खेल खेले गए, भारतीय वैक्सीन के खिलाफ मुहिम चलाई गई। 

आगे कहा इस सदन में कुछ साथियों ने भारत की निराशाजनक तस्वीर पेश की और ऐसा लग रहा था कि उन्हें इसे पेश करने में आनंद भी आ रहा था। मुझे लगता है कि सार्वजनिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जय-पराजय होती रहती है, उससे छाई हुई व्यक्तिगत जीवन की निराशा कम से कम देश पर नहीं थोपनी चाहिए।