बॉलीवुड में इन दिनों हॉलीवुड की तर्ज पर शुरू हुए अभियान मी टू कैंपेन को लेकर भाजपा सांसद उदित राज ने मीटू कैंपेन के पहलू पर सवाल उठाए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद और दलित चेहरे के रूप में जाने माने नेता उदित राज ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है।
इन दिनों बॉलीवुड में हॉलीवुड की तर्ज पर शुरू हुए ‘मी टू’ कैंपेन को लेकर भाजपा सांसद उदित राज ने ‘मी टू’ कैंपेन के अलग पहलू पर सवाल उठाए हैं। सांसद उदित राज ने आरोप लगाने वाली महिलाओं-युवतियों को लेकर कहा है कि पुरुष स्वभाव से ‘ऐसे’ ही होते हैं, लेकिन महिलाओं को भी क्लीन-चिट नहीं दी जा सकती है, क्योकि इससे किसी पुरुषों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है।
उदित राज ने ट्वीट किया कि, ”#MeTo कैंपेन जरूरी है, लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगा? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा, उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है। यह गलत प्रथा की शुरुआत है।
साथ ही एक दुसरे ट्वीट में भाजपा नेता उदित राज ने लिखा है- ‘यह कैसे संभव है कि कोई “लिव इन रिलेशन” में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर कभी भी ‘दुष्कर्म’ का आरोप लगाकर उस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा दे, वो व्यक्ति जेल चला जाए। इस तरह की घटना आये दिन किसी न किसी के साथ हो रहा है। क्या ये अब ब्लैकमेलिंग के लिए नहीं इस्तेमाल हो रहा है?
बता दें कि इस से पहले भी उदित राज ने एक बेहद अटपटा सा बयान दिया था। जिसके बाद से वह विवादों में घिर गए थे। उन्होंने ट्वीट किया -‘बोल्ट गरीब थे और ट्रेनर ने उन्हें दोनों बार मांस खाने की सलाह दी थी, जब उन्होंने ओलंपिक में 9 गोल्ड मेडल जीते।’