
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक ऐसा दृश्य सामने आया है जो धार्मिक सौहार्द और सामाजिक एकता की मिसाल पेश करता है। सावन मास की पवित्र कांवड़ यात्रा में इस बार एक मुस्लिम महिला शबनम अपने हिंदू पति पवन के साथ हरिद्वार से गंगाजल लेकर गाजियाबाद की ओर बढ़ रही हैं।
इस अनूठी यात्रा का उद्देश्य सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि पारिवारिक प्रेम और सांस्कृतिक एकता भी है।
मन्नत पूरी करने को निकली हैं शबनम
शबनम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह यात्रा उन्होंने अपनी सास और ससुर की सेहत के लिए मन्नत के तौर पर शुरू की है। उनका उद्देश्य है कि वो गंगाजल से अपने सास-ससुर का स्नान कराएं, जिससे उन्हें लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिले।
“यह मेरे परिवार के लिए एक वचन है, आस्था का प्रतीक है। धर्म से ऊपर इंसानियत और परिवार आता है,” – शबनम
कांवड़ यात्रा में बढ़ता समावेश
हर साल सावन में लाखों शिव भक्त गंगाजल लेकर अपने घर लौटते हैं, लेकिन इस बार शबनम जैसी मिसालें ये बताती हैं कि भारत की आत्मा गंगा-जमुनी तहज़ीब में बसती है।
स्थानीय लोगों का भी स्वागत
रास्ते में स्थानीय लोगों और अन्य श्रद्धालुओं ने शबनम और पवन की इस यात्रा का स्वागत किया। कई जगहों पर उन्हें विशेष सम्मान और सहयोग भी मिला। यह उदाहरण साबित करता है कि धर्म कभी दूरी नहीं बढ़ाता, वह दिलों को जोड़ता है।
शबनम की यह कांवड़ यात्रा एक प्रेरणा है — धर्म, जाति या पहचान से ऊपर उठकर, जब एक इंसान दूसरे के लिए प्रेम, सेवा और आस्था का भाव रखता है, तब सच्ची भारतीयता झलकती है।